पटना विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव कराने, पिछले 6 महीने से बंद करें छात्रावास को खोलने जैसी कई मांगों को लेकर संयुक्त छात्र संगठनों का आंदोलन चरणबद्ध जारी है बता दे कि बीते दिनों संयुक्त छात्र संगठन के नेताओं के द्वारा कुलपति को ज्ञापन देने के दौरान पुलिस के साथ नोक झोंक हुई थी। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया था इस लाठी चार्ज में कई छात्र गंभीर रूप से जख्मी भी हो गए थे। इसके बाद संयुक्त छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आंदोलन का बिगुल और भी तेज कर दिया है। घटना के बाद से ही संयुक्त छात्र संगठनों के द्वारा पटना विश्वविद्यालय परिषद में आमरण अनशन कर रहे हैं आमरण अनशन के तीन दिन भी जाने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आंदोलन को समाप्त कराने को लेकर कोई भी पहल नहीं की गई है। जिससे सभी छात्र संगठनों में आक्रोश है। अनशन पर बैठे छात्र नेताओं ने बताया कि यह पटना विश्वविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं के सम्मान की लड़ाई है इसे हर हाल में विश्वविद्यालय प्रशासन को मानना ही होगा। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं के मुद्दे को उठाने वाले छात्र नेताओं व छात्रों पर किए गए एफआईआर को भी वापस लेने की मांग संयुक्त छात्र संगठन के नेताओं ने की है। उन्होंने कहा है कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन चाहे तो फिर से लाठियां और गोलियां चलवा दे। लेकिन हम लोग अपने आंदोलन को समाप्त करने वाले नहीं है।