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सभी 243 विधानसभा सीटों पर चिराग करेंगे बराबर मेहनत, परिवार संग दिवाली मनाते हुए लालू परिवार को भी दी शुभकामनाएं...

सभी 243 विधानसभा सीटों पर चिराग करेंगे बराबर मेहनत, परिवार संग दिवाली मनाते हुए लालू परिवार को भी दी शुभकामनाएं...

Chirag will work equally hard in all 243 assembly seats.
सभी 243 विधानसभा सीटों पर चिराग करेंगे बराबर मेहनत, परिवार संग दिवाली मनाते हुए लालू परिवार को भी दी- फोटो : Darsh News

पटना: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने राजधानी पटना में स्थित अपने आवास पर सोमवार को पूरे परिवार के साथ दिवाली मनाई। इस दौरान उन्होंने दिए जलाए और पटाखे भी चलाए। चिराग पासवान ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए देशवासियों को दिवाली की बधाई दी। इस दौरान उन्होंने लालू परिवार को भी बधाई दी लेकिन तेजस्वी को लेकर कहा कि छोटे भाई हैं फिर भी उन्हें जीत का आशीर्वाद नहीं दे सकते हैं। चिराग ने महागठबंधन को लेकर तंज भी कसा और कहा कि यह गठबंधन बनने से पहले ही बिखर चुका है।

यह दिवाली सब के लिए है शुभ संकेत

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि काफी लंबे अरसे बाद ऐसा वक्त आया है जब सिर्फ दिवाली नहीं बल्कि त्यौंहारों का संगम एकसाथ आया है। हम दिवाली तो मना ही रहे हैं, साथ ही छठ का भी इंतजार कर रहे हैं और लोकतंत्र का महापर्व भी साथ में है। चुनावी सरगर्मी में ऐसे त्यौहार यक़ीनन कई बार पीछे छूट जाता है पर जिस तरीके से मौजूदा परिस्थिति चुनाव का माहौल है वह हमारे मनोबल को बढ़ा रहा है। एक तरफ NDA की ताकत बढ़ती जा रही है तो दूसरी तरफ महागठबंधन का बिखराव हमारी दिवाली को और भी अधिक रौशन कर रहा है। मैं मानता हूं कि जहां NDA नेताओं के लिए यह दिवाली शुभ संकेत ले कर आ रही है वहीं शुभकामना भी है कि ये दिवाली पूरे देशवासियों और बिहारवासियों के लिए ढेर सारी खुशियां और समृद्धि लेकर आए। जिस विकसित राज्य की हमलोगों ने कल्पना की थी और जब जब हम विकसित बिहार का जिक्र करेंगे उसमें आज का दिन भी गिना जाएगा। 

राजनीति में कुछ वर्ष होते हैं माइलस्टोन

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि राजनीति में कुछ साल ऐसे होते हैं जो एक माइलस्टोन की तरह होते हैं। जैसे 1977 की चर्चा जरूर होती है जिस वर्ष मेरे पिता रामविलास पासवान जेपी के आंदोलन से राजनीति में आए। 2014 का जिक्र रहेगा वैसे ही 2025 का जिक्र भी हमेशा ही रहेगा क्योंकि एक बार फिर बिहार में डबल इंजन की सरकार आएगी। आज हम दिवाली से मां लक्ष्मी की पूजा कर चुनाव की शुरुआत कर रहे हैं, जब चुनाव शीर्ष पर होगा तब छठी मैया का आशीर्वाद हमें मिलेगा और 14 नवंबर को पूरे बिहार में खुशियों की दिवाली मनाई जाएगी।


नाराजगी की बात पर भी बोले चिराग

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने महागठबंधन के एक बयान कि चिराग पासवान एक फैक्टर बन चुके हैं और इसका पता NDA को जल्द ही लग जाएगा के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि मैं हमेशा सकारात्मक रहा हूं और अपनी सफलता की लकीर हमेशा इतना लंबा खींचना चाहता हूं कि दूसरे की लकीर बिना काटे छोटा पड़ जाए। मुझे जो विश्वास अपने मेहनत पर है, जो विश्वास प्रधानमंत्री ने मुझ पर किया है, कई लोग मेरी नाराजगी का जिक्र करते हैं लेकिन मैं विनम्रता के साथ स्वीकार करता हूं कि गठबंधन में ऐसी परिस्थितियां न के बराबर देखने को मिलती है जहां एक सांसद वाली पार्टी को 5 सीटें चुनाव लड़ने के लिए दे दे। मैं उनके विश्वास पर खड़ा उतरा वह दूसरी बात है, लेकिन सबसे बड़ी बात है वह विश्वास करना। वहीं दूसरी तरफ मेरा एक विधायक था, वह भी भाग गया फिर भी 29 सीटें देना, और फिर भी अगर मैं नाराज होता हूं तोनशायड मेरे से बड़ा नाशुक्रा कोई नहीं होगा।

सभी 243 सीटों पर करूंगा बराबर मेहनत

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि मेरा विश्वास और प्रधानमंत्री का एक दूसरे पर जो है उसके अनुसार मैं विश्वास दिलाता हूं कि NDA अच्छी सीटों के साथ आएगी। चिराग पासवान ने कहा मैं सभी 243 सीटों पर चिराग पासवान बन कर ही चुनाव लड़ूंगा। हर प्रत्याशी मेरा प्रत्याशी होगा चाहे वह सिंबल किसी और का हो। जितनी मेहनत मेरी 29 सीटों पर रहेगी उतनी ही मेहनत मै बाकी सीटों पर भी करूंगा। जिस तरह से महागठबंधन में बिखराव आया है, मुझे लगता है उनलोगों ने हमारी राह और आसान कर दी है। हमलोग 2025 में 225 के लक्ष्य के साथ निकले थे अब लगता है उससे भी आगे चले जाएंगे।

संघर्ष कभी दोस्ताना नहीं होता

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि महागठबंधन के लोग थोड़ा सा मेहनत करते तो शायद बेहतर होता। उन्होंने लालू परिवार को भी दिवाली की शुभकामनाएं दी और कहा कि छोटे भाई हैं मेरे लेकिन मैं ये वाली जीत का आशीर्वाद नहीं दे सकता हूं क्योंकि यहां तो मैं ही जीत रहा हूं। चिराग पासवान ने तेज प्रताप प्रकरण और महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि जब एक परिवार को नहीं संभाल सकते हैं तो गठबंधन जहां 5 से 6 दल हैं उसे कैसे संभाल पाएंगे। गठबंधन भी एक परिवार ही होता है और सभी लोगों की आकांक्षाओं को समझना होगा, अगर आप यह नहीं कर सकते हैं तो राज्य कैसे संभालेंगे। उन्होंने कहा कि वे लोग कह रहे हैं इतनी सीटों पर दोस्ताना संघर्ष होगा जो कि सिर्फ कहने के लिए होता है लेकिन एक सीट पर प्रतिद्वंदिता की खबर सभी सीटों पर चली जाती है और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता कभी एक नहीं हो सकेंगे। महागठबंधन बनने से पहले ही धराशाई हो चुका है।

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