Patna :- चुनावी साल में कांग्रेस अपनी पार्टी को बिहार में मजबूत करने को लेकर लगातार प्रयास कर रही है. इस मजबूती को लेकर कांग्रेस दो तरफा रणनीति पर काम कर रही है एक तरफ वह सत्ताधारी जदो भाजपा गठबंधन के खिलाफ हमलावर है, वही सहयोगी आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव को अभी मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानने को तैयार नहीं है बल्कि चुनाव के बाद बहुमत मिलने पर इसका फैसला करने की बात कही जा रही है. कांग्रेस की इस रणनीति से कहीं ना कहीं लालू परिवार के साथ पूरी आरजेडी इंटरनली परेशान नजर आ रही है.
पहले कांग्रेस के प्रभारी कृष्ण अल्लावरु ने बिहार में सीएम पद और सीटों की संख्या को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि जब मन गठबंधन के नेता आपस में बैठेंगे तब इन मुद्दों पर चर्चा होगी, यह भी देखा जाएगा कि हमें सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करना है या फिर बिना चेहरे के ही चुनाव में जाना है. अब इस बात को आज बिहार दौरे पर आए सचिन पायलट ने भी दोहराया है. कन्हैया कुमार के पलायन लोग को नौकरी दो यात्रा के अंतिम दिन मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के कार्यक्रम में पहुंचे सचिन पायलट ने पटना एयरपोर्ट पर मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि आरजेडी के साथ गठबंधन में कांग्रेस विधानसभा चुनाव लड़ेगी लेकिन बहुमत आने के बाद तय होगा कि सीएम कौन होगा.
सचिन पायलट ने कहा कि 'पलायन रोको नौकरी दो' पदयात्रा का उद्देश्य है कि पलायन को रोका जाए. बेरोजगारी खत्म की जाए. नौकरी के नाम पर बिहार के युवाओं को लाठी मिलती है. मजबूरी में पलायन करते हैं. बिहार की हालत यह है कि यहां के युवाओं का भविष्य अंधकार में चला गया है. नीतीश कई वर्षों से मुख्यमंत्री हैं. कुछ काम युवाओं के लिए नहीं किया. नीतीश ने मोदी सरकार का समर्थन किया उनके समर्थन से सरकार चल रही है. कम से कम इसके बदले में बिहार के युवाओं के लिए 10-20 लाख नौकरी बिहार के युवाओं के लिए मांग लेते. इसलिए कांग्रेस पार्टी आज मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर रही है.