देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. इंदिरा गांधी की 107वीं जयंती मंगल प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने की।इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व् राज्यसभा सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि स्व. इन्दिरा गाँधी देश की ही नहीं वैश्विक की नेता थी और उनके मनोबल ने देश को वैश्विक स्तर पर मजबूत देशों की श्रेणी में खड़ा कर दिया था। 1971 के युद्ध में उन्होंने विश्व का भूगोल बदल दिया और पाकिस्तान के एक लाख सैनिकों को आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया। इतिहास में इससे बड़ा कोई सैन्य आत्मसमर्पण नहीं दर्ज है। 1971 के बाद स्व. गाँधी ने भारतीय सैन्य ताकत को विश्व स्तर का बना दी। देश के नवनिर्माण में आयरन लेडी के नाम से प्रसिद्ध देश की इकलौते महिला प्रधानमंत्री स्व. गांधी की अहम भूमिका रही है। आज लोग आतंकवाद और राष्ट्र के अखंडता के लिए लड़ने की बात करते हैं जबकि स्व. इंदिरा गांधी ने उसे करके दिखाया।प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि अपने कार्यकाल में इन्दिरा गाँधी ने देश से गरीबी हटाने, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, राजा-महाराजाओं के प्रीवी पर्स हटाने जैसे बड़े एवं महत्वपूर्ण कार्य किए और उन्होंने देश की एकता एवं अखण्डता की रक्षा के लिए आतंकवाद से लड़ते हुए अपनी कुर्बानी तक दे दी। कृतज्ञ राष्ट्र अनन्त काल तक उनके त्याग और बलिदान को याद रखेगा। इस मौके पर उपस्थित बिहार कांग्रेस के प्रभारी सचिव शाहनवाज आलम ने कहा कि स्व. इंदिरा गांधी ने आजीवन देश के लिए संघर्ष किया और उनकी ही देन है जो आज भारत के सैन्य ताकत और क्षमता को वैश्विक स्तर पर लोग जानते हैं। उन्होंने विश्व में भारत की धाक जमाई।इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष चन्दन बागची ने कहा कि उन्होंने देश की राजनीति में अपनी नीतियों से अहम योगदान दिया है।इस मौके पर उपस्थित नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सदाकत आश्रम के उद्यान में स्थित स्व. इन्दिरा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।जयंती कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह के अलावे अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सचिव सह बिहार प्रभारी शाहनवाज आलम, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष चंदन वागची, पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक, वीणा शाही, डा0 अशोक कुमार, प्रेमचन्द्र मिश्रा, ललित सिंह ने भी इन्दिरा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया ।