पटना में आज इनकम टैक्स गोलंबर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार की नीतियों और ईडी की कार्रवाई के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ता इनकम टैक्स गोलंबर से बीजेपी कार्यालय तक मार्च निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया. विरोध के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया और नारेबाजी की.
कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का आरोप है कि केंद्र की बीजेपी सरकार विपक्ष को दबाने के लिए ईडी सहित सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. उनका कहना था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, जबकि कोर्ट इस मुद्दे पर स्पष्ट निर्णय दे चुका है। इसके बावजूद कांग्रेस नेतृत्व को टारगेट किया जा रहा है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे बीजेपी कार्यालय तक जाकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहते थे, ताकि सरकार को यह संदेश दिया जा सके कि विपक्ष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता. लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी।पुलिस की रोक से कार्यकर्ताओं में नाराजगी और बढ़ गई, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकारी तंत्र का दुरुपयोग बंद करो जैसे नारे लगाए। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था, ताकि किसी अनहोनी को रोका जा सके। इस विरोध प्रदर्शन के चलते इनकम टैक्स गोलंबर पर ट्रैफिक प्रभावित रहा. कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि केंद्र सरकार विपक्ष को निशाना बनाना बंद नहीं करती तो विरोध प्रदर्शन और तेज किए जाएंगे.
इस विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में हमारे नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इंकार कर दिया. अदालत ने दोनों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से दोनों के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट का संज्ञान लेने से इनकार कर दिया. जबकि ईडी ने दोनों नेताओं को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नाहक परेशान करने के लिए आरोपी बनाया. नेशनल हेराल्ड' केस सिर्फ गांधी परिवार को परेशान करने के लिए है. इस सत्ताधारी भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक बदले की भावना से इस केस को आगे बढ़ाया जा रहा है.
दरअसल नेशनल हेराल्ड एक अंग्रेज़ी अख़बार है, जिसकी स्थापना आज़ादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेसी नेताओं ने की थी. इसका संचालन असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नाम की कंपनी करती थी. समय के साथ यह अख़बार बंद हो गया और कंपनी पर करोड़ों का कर्ज़ चढ़ गया. आरोप यह है की कांग्रेस ने पार्टी के पैसों से AJL के कर्ज़ चुका दिए, जो कि पार्टी और अखबार अलग - अलग संस्थाएं हैं इसके बाद AJL के शेयर यंग इंडियन कंपनी (जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी निदेशक हैं) को बेहद कम कीमत पर ट्रांसफर किए गए आरोप है कि इस प्रक्रिया से यंग इंडियन कंपनी ने हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति पर मालिकाना हक़ प्राप्त कर लिया, जबकि यह संपत्ति पार्टी को मुफ्त में मिल गई.