पटना: बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में CJI बी आर गंवई पर सुनवाई के दौरान जूता फेंकने के मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने राजधानी पटना में एक प्रेस वार्ता किया। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर हमले भी किये और बात करते हुए भावुक भी हो उठे। उन्होंने कहा कि गंवई साहब सर्वोच्च पद पर बैठे हुए एक व्यक्ति हैं और वे न्याय की सर्वोच्च मंदिर के न्यायाधीश हैं। वे समाज के उस अंतिम पंक्ति से आते हैं जिससे मैं आता हूं। जनता के हित में न्याय पद्धति बनाई गई और आज भाजपा और आरएसएस की गठ्बंधित सरकार में आज भी दलितों के लिए देश के सर्वोच्च संस्था जो न्याय की पद्धति को लागू करता है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और संविधान के रक्षा करने वाले उस न्यायधीश के प्रति घृणित प्रतिक्रिया और आरएसएस के एजेंडा के साथ जूता फेंक जिस तरह से अपमानित करने का काम किया गया है वह आरएसएस और भाजपा ही कर सकता है। हम इस क्षण को यूँ ही जाया नहीं होने दे सकते हैं लेकिन यह स्पष्ट है कि दलित परिवार से आये हुए लोग अपनी योग्यता के आधार पर अगर सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बना है और उसे आप मानसिक रूप से स्वीकार नहीं कर रहे हैं। यह सीधा सीधा संविधान, न्यायपालिका, विधायिका पर हमला है।
भाजपा जिस तरह से वोट चोरी की पद्धति लागू कर रही है इसलिए यह सीधा वोट चोर मतलब न्यायपालिका पर हमला, विधायिका पर हमला और लोगों के अधिकार पर हमला है। सर्वोच्च न्यायालय लोगों के अधिकारों की रक्षा करता है यह सब को पता है। भारत के संविधान के अनुसार राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से बड़ा कोई पद नहीं होता है। पिछले दिनों आपने देखा राष्ट्रपति को भी मंदिर में जाने से रोका गया। बाबू जगजीवन राम ने भी जब मंदिर में दर्शन किया तो मंदिर को दूध और गंगाजल से धोया गया। बिहार के एक भूतपूर्व मंत्री जब मंदिर में गये तो उसे भी धोया गया था। इस तरह से कहा जा सकता है कि भाजपा ने जिस तरह से अंग्रेजों का साथ दिया उसी तरह से आज मनुस्मृति के भाजपा लाना चाहती है। आज मैं गंवई के अपमान का कांग्रेस निंदा करती है और हम इसके विरुद्ध आंदोलन करेंगे।
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भावुक हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गंवई साहब जिस समाज से आते हैं वह हमलोगों के समाज के लिए गौरव का विषय है और उनके अपमान के लिए हम लोग भी आहत हो रहे हैं। हम जानते हैं कि कितनी वेदना और पीड़ा के साथ समाज के इस उंचाइयों तक पहुंचा जाता है और फिर भी जब स्वीकार्यता नहीं मिले तो घर में भी लोग अपमानित महसूस करता है। हम हमेशा यह झेलते हैं, सदन के अन्दर भी भेदभाव आज भी झेलते हैं। कई ऐसी घटनाएं हैं जिसमें गाँव घर में भी लोग रोज पीटे जा रहे हैं। यह कहते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भावुक हो गए और कहा कि यह पीड़ा हर दलितों से है जो गंवई के अपमान को अपने आप से जोड़ कर देख रहा है। यह अपमान सर्वोच्च न्यायालय का भी है। जो गंवई न्याय पद्धति को मजबूत करने में लगे हैं उसे लोग रिसीव तक करने नहीं आते हैं।
ये वही गंवई हैं जिनका पहले दौरा के दौरान सामंतवादी विचारधारा के लोगों ने रिसीव भी नहीं किया था। आज बाबा साहब और लोकतंत्र ने मौका दिया कि हम आज आपको संबोधित कर रहे हैं। भाजपा अपमान कर सकती है लेकिन लोगों को बोलने से रोक नहीं सकती है। यह बड़ा ही आश्चर्यजनक पहलु है, संविधान में भावना का स्थान नहीं होता है बल्कि अधिकारों की रक्षा करता है। न्यायमूर्ति किसी जाति या समुदाय का नहीं होता लेकिन आज उसे जूता फेंक कर भाजपा ने दर्शाया है कि आप केवल अपमान कर सकते हैं। राहुल गांधी और खड्गे के नेतृत्व में हम संविधान के मूल्यों के साथ कोई समझौता नहीं होने देंगे और न्यायमूर्ति के साथ हुए अपमान को हम गंभीरता से लेंगे।
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