पटना: साल 2025 के समाप्त होने से पहले बिहार के गृह विभाग की ओर से आज एक अहम प्रेस वार्ता आयोजित की गई। पटना के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सभागार में बिहार डीजीपी विनय कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि अपराध नियंत्रण को लेकर की गई निरंतर कार्रवाई का बड़ा असर राज्य में देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि 2024 की तुलना में 2025 में प्रदेश में अपराध के मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।डीजीपी विनय कुमार के अनुसार, राज्य में हत्या के मामलों में 7.72 प्रतिशत, डकैती में 24.87 प्रतिशत और दंगों की घटनाओं में 17.97 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं, सांप्रदायिक तनाव से जुड़े मामलों में भी लगातार गिरावट दर्ज हुई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024–25 के दौरान सांप्रदायिक घटनाओं से जुड़े 437 मामलों में अभियोजन की स्वीकृति दी गई, जिससे दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज हुई है।
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डीजीपी ने बताया कि अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत 25 कुख्यात अपराधियों के विरुद्ध निरुद्धादेश जारी किया गया। BNSS की धारा 107 के तहत अपराधDGP से अर्जित संपत्ति की जब्ती के लिए अब तक 1419 अपराधियों की पहचान की गई है। इनमें से 405 मामलों को न्यायालय भेजा गया है और 70 अपराधियों की संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि जनवरी से नवंबर तक CCA की धारा 3 के तहत 1949 व्यक्तियों पर आदेश पारित किए गए। इसी अवधि में 3,35,116 लोगों की गिरफ्तारी हुई। पुलिस ने 4528 हथियार और 28,414 कारतूस भी बरामद किए। सांप्रदायिक हिंसा, पुलिस पर हमले, भीड़ हिंसा, हर्ष फायरिंग जैसे अपराधों में कुल 6854 आरोपी गिरफ्तार किए गए। डीजीपी ने दावा किया कि बिहार में नक्सलवाद लगभग समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि गंभीर मामलों में 24 से 36 घंटे के भीतर कार्रवाई और सुनवाई सुनिश्चित करना उनका लक्ष्य है, जिससे जनता को बेहतर पुलिसिंग का लाभ मिलता रहे।
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