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महाशिवरात्रि के अवसर पर बाढ़ के उमानाथ घाट पर गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़, विशेष पूजा-पाठ

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Barh :- महाशिवरात्रि के अवसर पर आज विभिन्न शिव मंदिरों में विशेष पूजा पाठ का आयोजन किया जा रहा है. आज के खास दिन को देखते हुए गंगा स्नान करने के लिए भी विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं के भीड़ लगी हुई है.
इस अवसर पर पटना जिले के बाढ़ के उमानाथ गंगा घाट पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ आज सुबह से ही लगी हुई हैं. यहां उत्तर वाहिनी गंगा के होने की वजह से काफी पवित्र माना जाता है और स्थानीय लोगों के साथ ही आसपास के इलाकों के श्रद्धालु भी गंगा स्नान के लिए आज के दिन यहां आते हैं. गंगा स्नान के बाद उमानाथ मंदिर में विशेष पूजा पाठ करते हैं.

बताते चलें कि हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि का पावन त्योहार है। जिसे लोग बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाते हैं। इस त्योहार को फाल्गुन माह के कृष्णपक्ष के चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता यह है कि इसी दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिये फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि भगवान शिव के लिए समर्पित है। हालांकि हिन्दू धर्म के ही कुछ अन्य पंथ को मानने वाले इस तिथि को शिव जयंती के रूप में भी मनाते हैं। इस तिथि को शिव जयंती के रूप में मनाने वाले पंथ का मानना है कि भगवान शिव का इसी दिन पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। इस दिन श्रद्धालुओं के द्वारा रुद्राभिषेक करने से उनपर भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

 श्रद्धालु महाशिवरात्रि के दिन उपवास रखते हैं और अगले दिन पारण के साथ इस पूजा को सम्पन्न करते हैं। माना जाता है कि विधि पूर्वक इस दिन पूजा अर्चना करने से घर- परिवार में खुशहाली आती है और संबंधों में प्रेम बना रहता है। साथ ही साधक के कष्टों का निवारण होता है एवं उसका भविष्य उज्ज्वल होता है। महाशिवरात्रि के दिन अर्थात बुधवार 26 फरवरी को चतुर्दशी तिथि का आरंभ सुबह 11 बजकर 8 मिनट से प्रारंभ होकर 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी।

महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवालयों को सजाया संवारा जाता है। इलेक्ट्रिक लाइट एवं फूलों से सजाया जाता है तथा कई जगहों ओर भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया जाता है। वहीं इस दिन श्रद्धालु शिव और पार्वती का रूप बनाकर बारात भी निकालते हैं। जिसे देखने के लिए लोग उमड़ पड़ते हैं। महाशिवरात्रि के दिन रात्रि में ही शिव की पूजा का विधान है इसलिये  भगवान शिव की विशेष चारों पहर की पूजा विधि पूर्वक  रात्रि में ही की जाती है। इस दिन जलाभिषेक का भी विशेष महत्व होता है।

 बाढ़ से कृष्ण देव की रिपोर्ट 

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