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नवादा में चौकीदार की मौत, सदर अस्पताल की व्यवस्था पर उठे सवाल..

Death of a watchman in Nawada, questions raised on the syste

Nawada :- सड़क हादसे में नवादा में एक चौकीदार की मौत हो गई है इस बीच चौकीदार की मौत से पहले इलाज के दौरान सदर अस्पताल की व्यवस्था की पोल खुल गई है, यहां के डॉक्टर ने बाहर की एक दवाई लिख दी और यह दवाई के लिए परिजन भटकते रह गए और उसे दवाई के अभाव में चौकीदार की मौत हो गई ऐसा आरोप चौकीदार के परिजनों ने लगाया है.

 मिली जानकारी के अनुसार नवादा जिले के रोह प्रखंड के रूपौ  गांव के समीप अपनी ड्यूटी के दौरान चौकीदार बनवारी पासवान सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए थे जिसे रविवार की देर शाम घायल अवस्था में प्राथमिक चिकित्सा केंद्र रोह में भर्ती कराया गया. बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल नवादा भेजा गया जहां चिकित्सक ने चौकीदार के परिजन को ट्रायपिल नामक दवा लिखी जो सदर अस्पताल नवादा में उपलब्ध नहीं था. इस दवा को बाहर से लाने के लिए परिजनों को कहा गया. पूरे नवादा शहर में ढूंढने के बाद भी ट्रायपिल नामक दवा नहीं मिल पाई जिससे दवा के अभाव में चौकीदार की मौत हो गई।

परिजन विनय पासवान ने बताया कि जब सदर अस्पताल नवादा का यह हाल है तो अन्य अस्पताल का क्या हाल होगा।सवाल यह उठता है कि क्या बिहार सरकार का स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य केंद्र को समुचित दवाइयां उपलब्ध नहीं करा पाती या फिर  स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था ही लचर पचर है.भले ही राज्य सरकार स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर व्यवस्था होने का दावा कर रही है परंतु जब दवा की कमी के कारण कई रोगियों की मौत हो जाती है तो यह सवाल उठना लाजमी हो जाता है कि सदर अस्पताल की व्यवस्था क्या है? 

 नवादा से हिमांशु सिन्हा की रिपोर्ट

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