Patna : कभी स्वच्छता की दौड़ में पीछे माना जाने वाला शहर आज देशभर के हजारों शहरों के बीच अपनी एक स्वच्छ पहचान के साथ एक अलग छवि प्रस्तुत कर रहा है। पटना नगर निगम को स्वच्छता में बेहतर प्रदर्शन हेतु दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्मान प्राप्त हुआ।
पटना की उपलब्धियां
- बेकार पड़ी गाड़ियों पुन:
इस्तेमाल- पटना नगर निगम द्वारा 3R ( Reuse, Reduce and Recycl) पर कार्य करता है। आमजनों को सुविधा देने वाला पिंक टॉयलेट, लू कैफे एवं निगम नीर एवं मेवहॉल एम्बुलेंस की गाड़ियां पटना नगर निगम की वेस्ट गाड़ियों से तैयार कर सफल पूर्वक इस्तेमाल किया जा रहा है।
- स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के अंतर्गत सिटीजन फीडबैक कैटेगरी में पटना 4था स्थान मिला। यह स्थान केवल सरकारी प्रयासों का परिणाम नहीं है, बल्कि इसमें शहरवासियों की जागरूकता और भागीदारी ने अहम भूमिका निभाई है। नागरिकों को स्वच्छता अभियान से जुड़ने के लिए फीडबैक जुटाने के लिए विशेष अभियान चलाए गए।
- जनजागरूकता से बदली छवि:
पटना नगर निगम द्वारा मोबाइल ऐप, सोशल मीडिया पोस्ट, नुक्कड़ नाटक, जागरूकता रैलियां, और स्कूलों-कॉलेजों में प्रतियोगिताएं आयोजित कर आम लोगों को इस मुहिम से जोड़ा गया। नगर निगम की टीम ने घर-घर जाकर लोगों से फीडबैक फॉर्म भरवाए, जिससे न केवल सर्वेक्षण में भागीदारी बढ़ी बल्कि स्वच्छता के प्रति नागरिकों की सक्रियता और समझ भी गहरी हुई। यह प्रयास पटना के समग्र प्रदर्शन में एक मजबूत आधार साबित हुआ।
- पटना नगर निगम द्वारा 650 समाप्ति:
पटना नगर निगम द्वारा सार्वजनिक स्थलों की सफाई कर उन्हें स्वच्छ स्थल के रूप में विकसित किया गया। इन स्थलों पर सफाई कर्मियों के साथ मिलकर पिकनिक आयोजित की गई, ताकि न केवल स्वच्छता का संदेश दिया जा सके, बल्कि कर्मियों का मनोबल भी बढ़ाया जाए।
- डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन:
पटना नगर निगम ने बीते कुछ वर्षों में सफाई व्यवस्था को प्रभावी और टिकाऊ बनाने के लिए डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, सूखे और गीले कचरे का पृथक्करण (वेस्ट सेगरेगेशन), कंपोस्टिंग यूनिट्स की स्थापना, और वॉशरूम मैनेजमेंट सिस्टम को मजबूत करने जैसे महत्वपूर्ण पहल शामिल है।
- जन जागरूकता:
सड़क पर कचरा फेंकने 'सड़क शत्रु': इसके साथ ही शहर में 'नो लिटरिंग जोन', 'स्वच्छता एप्लिकेशन', और 'स्वच्छ गार्डन' जैसी योजनाएं लागू की गई, जिसका उद्देश्य नागरिकों को स्वच्छता में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना है। सड़क पर कचरा फेंकने वालों को 'सड़क शत्रु' के रूप में चिह्नित किया गया और उन्हें न केवल जागरूक किया गया बल्कि सार्वजनिक रूप से शहर को स्वच्छ रखने की शपथ भी दिलाई गई। इन सख्त लेकिन संवेदनशील प्रयासों ने स्वच्छता को सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में स्थापित किया।
- आधुनिक तकनीक की प्रयोग कर स्मार्ट निगरानी प्रणाली:
पटना नगर निगम ने सफाई व्यवस्था और जल निकासी जैसे कार्यों की निगरानी को अधिक प्रभावी और त्वरित बनाने के लिए सभी 75 वार्डों में हाईटेक वॉकी-टॉकी उपकरणों का उपयोग शुरू किया है. ऐसा करने वाला पटना नगर निगम देश के गिने-चुने नगर निकायों में शामिल हो गया है, जिसने संचार और निगरानी को स्मार्ट तरीके से संगठित किया है।
- स्मार्ट इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर:
बरसात के मौसम में जल निकासी व्यवस्था की निगरानी के लिए सभी संप हाउस को स्मार्ट इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर से जोड़ा गया है, जिससे रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव हो सकी है।
सम्मान समारोह कार्यक्रम में नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह, महापौर सीता साहू, उप महापौर रेशमी कुमारी सशक्त स्थाई समिति के सदस्यगण, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर, अपर नगर आयुक्त आशिष कुमार, उप नगर आयुक्त रामाशीष तिवारी, ब्रांड एम्बेसडर नीतु नवगीत एवं सफ़ाई कर्मचारी सुलेखा और मानती और नगर निगम की टीम उपस्थित रही।