जहानाबाद: केंद्रीय मंत्री एवं हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी के एक कथित बयान का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है, जिसने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। वीडियो में मांझी यह कहते नजर आ रहे हैं कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जब उनके उम्मीदवार अनिल कुमार करीब 2600–2700 वोटों से पीछे चल रहे थे, तब उन्होंने एक अधिकारी से फोन पर बात की और उसके बाद चुनाव का परिणाम बदल गया। यह वीडियो जहानाबाद के लालसे बिगहा गांव का बताया जा रहा है, जहां मांझी राजद नेता कौलेश्वर यादव की 10वीं पुण्यतिथि पर पहुंचे थे। वीडियो सामने आने के बाद विपक्ष ने मांझी पर सीधा हमला बोला है। जहानाबाद के राजद विधायक राहुल कुमार ने बयान को बेहद गंभीर बताते हुए एफआईआर दर्ज कर जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह मुद्दा केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता से जुड़ा मामला है। विधायक ने आरोप लगाया कि मांझी के बयान से यह संकेत मिलता है कि चुनावी नतीजों में दबाव और हस्तक्षेप की आशंका हो सकती है, जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था प्रभावित होती है।
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हालांकि जीतन राम मांझी ने आरोपों से स्पष्ट इनकार किया है। उन्होंने वायरल वीडियो को पूरी तरह फर्जी बताते हुए कहा कि यह एआई से तैयार किया गया है और राजनीतिक साजिश के तहत फैलाया जा रहा है। मांझी ने कहा कि वे इस मामले में कानूनी कार्रवाई पर भी विचार कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि वीडियो सही साबित होता है, तो यह चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करेगा। वहीं यदि वीडियो फर्जी है, तो इसे बनाने और फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई जरूरी होगी। फिलहाल पूरा मामला जांच और राजनीतिक बयानबाजी के बीच उलझा हुआ है। आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराने की संभावना है।
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