पटना: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद नीतीश कैबिनेट अपनी घोषणा के अनुसार 1 करोड़ नौकरी और रोजगार देने की कवायद में जुट गई है। इस कवायद के बीच अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती परीक्षा का काफी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस संबंध में बात करते हुए बिहार के शिक्षा मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार सोमवार को विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पहली बार गोपालगंज में स्थित अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचे थे। इस दौरान भोरे में कार्यकर्ताओं ने एक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया था जिसे शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने भी संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में राज्य में उद्योग धंधे स्थापित करना है और आने वाले 5 वर्ष बिहार के लिए स्वर्णिम काल साबित होने वाला है। राज्य सरकार ने कई जगहों पर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिपार्ड को जमीन भी उपलब्ध करवा दी है। इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने शिक्षा मंत्री से डिग्री कॉलेज और नए ब्लॉक बनाये जाने की भी मांग की जिस पर मंत्री ने जल्द ही मांग पूरी करने का आश्वासन दिया।
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कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि सभी जिला के अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि अपने जिलों में विषयवार शिक्षकों की कमी का आकलन कर जल्द ही रिपोर्ट जमा करें ताकि उसके आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जा सके। बिहार में 78 हजार के करीब स्कूल और 6 लाख के करीब शिक्षक हैं तो ऐसे में थोडा समय तो लगेगा लेकिन हमारी कोशिश है कि भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाये।
इस दौरान शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मैट्रिक और इंटर परीक्षा को लेकर भी कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है और हम लोग देश भर में सबसे पहले परीक्षा का परिणाम भी घोषित करते हैं। इतना ही नहीं राज्य के सभी जिलों में हम कदाचार मुक्त परीक्षा भी आयोजित करते हैं और हमारी कोशिश है कि जितनी जल्दी हो सके शिक्षा के क्षेत्र में और भी अधिक विकास कर सकें।
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