पूर्वी चंपारण: बेतिया राज की जमीन को लेकर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। वर्षों से विवादों और अतिक्रमण में फंसी बेतिया राज की कुल 7648 एकड़ जमीन को प्रशासन ने चिन्हित कर लिया है। अब इन जमीनों से अतिक्रमण हटाने और अवैध जमाबंदी को रद्द करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जिला प्रशासन ने इस संबंध में करीब 6 हजार लोगों को नोटिस भेजा है, जिनके नाम पर बेतिया राज की जमीन की जमाबंदी दर्ज है या जो इन जमीनों पर अतिक्रमण कर रह रहे हैं। नोटिस के माध्यम से संबंधित लोगों से जवाब मांगा गया है और वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है। प्रशासन का स्पष्ट संकेत है कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने की स्थिति में जमाबंदी रद्द कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
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भूमि सुधार उप समाहर्ता मुकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि बेतिया राज की जमीन को लेकर सरकार का रुख पूरी तरह स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “सात निश्चय भाग-3” के तहत युवाओं को रोजगार देने और राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त भूमि की तलाश की जा रही है। इस क्रम में बेतिया राज की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कर वहां नए उद्योग और रोजगार सृजन से जुड़ी परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
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प्रशासन के अनुसार, जमीन की खोज और सत्यापन का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अब अगला चरण अतिक्रमण हटाने का होगा। आने वाले दिनों में चिन्हित अतिक्रमित भूमि पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें बुलडोजर अभियान भी शामिल है। इस कार्रवाई से जहां एक ओर अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मचा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय युवाओं को उम्मीद है कि उद्योग लगने से क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि बेतिया राज की जमीन को हर हाल में अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा और उसका उपयोग जनहित व विकास कार्यों के लिए किया जाएगा।