Desk:-सोन नहर प्रणाली के आरा कैनाल और कोईलवर ब्रांच कैनाल में पानी नहीं आने से किसानों को परेशानी हो रही है. इसके बाद कनाल में पानी छोड़ने की मांग होने लगी है.
किसानों की परेशानी को यथाशीघ्र दूर करने की मांग को लेकर पब्लिक एक्टिविस्ट और तरारी विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे राजेंद्र पाठक ने सरकारी व्यवस्था से की है। इस किसान हित मामले को लेकर राजेंद्र पाठक ने जल संसाधन विभाग बिहार के प्रधान सचिव और कृषि विभाग के प्रधान सचिव को संयुक्त मांग पत्र भेजा है.
इस पत्र में यह जिक्र किया है कि जारी पखवारे में गेंहूं की सिंचाई रबी खेती में बेहतर उत्पादन के लिए जरुरी होती है।राजेंद्र पाठक ने चीफ इंजीनियर सोन नहर को भी मांगपत्र की प्रति आवश्यक कार्यार्थ भेजा है साथ ही पानी नहीं छोड़ने के मामले में इंद्रपुरी बराज के एक्सक्यूटिव इंजिनियर से दूरभाष पर बातचीत कर मांग रखी है।
दिए गए मांगपत्र में यह बताया गया है कि आरा और कोइलवर दोनों नहरों में पानी समय पर नहीं आने से गेंहूं के किसान और अन्य रब्बी फसलों के किसान पहली और जरुरी सिंचाई में पिछड़ रहे हैं। इस स्थिति में इलाके के इक्के दुक्के बोरिंग से लोग मरता क्या न करता की कहावत की तरह महंगी सिंचाई और रतजग्गा करने की मजबूरी झेल रहे हैं। इन इलाकों में सोन नहर की सिचाई व्यवस्था सुचारु रहने से बोरिंग के माध्यम से बड़े पैमाने पर सिचाई का कोई प्रावधान या परम्परा है ही नहीं। बीते हफ्ते और जारी पखवाड़ा गेंहूं और रब्बी की पहली सिचाई का सबसे जरूरी समय है और ऐसा नहीं होने से किसानों को फसल उत्पादन में भारी नुकसान और महंगाई झेलने की मजबूरी होगी। बुआई के बाद दो पत्ते आने के कीमती वक्त पर रब्बी या गेंहूं की सिचाई न होना फसल के मार खाने के लिए पर्याप्त होता है। यह लापरवाही भी सामने आ रही है कि इन नहरों में जब पानी देने का समय आया है तो उक्त नहर में अदूरदर्शिता पूर्वक कहीं कहीं पक्का काम जो बंद समय में किया जाना था उसे आज के डेट में मिलीभगत से किसान हित को ताक पर रखकर किया-कराया जा रहा है। उक्त स्थितियों से कृषि और जलसंसधान विभाग के प्रधान सचिवों को अवगत कराते हुए सोन नहर प्रणाली के आरा कैनाल और कोईलवर ब्रांच कैनाल में जितनी जल्दी हो पानी छोड़ने की जरूरत को पूरा करने की मांग की गई है।