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पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन का बयान वायरल - लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तन जरूरी है, नहीं तो सरकार..

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Nalanda :- लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तन जरूरी है, तभी सत्ता में रहने वाली सरकार सचेत रहती है और लोगों का काम करती है. लगातार एक ही सरकार अगर सत्ता में रहती है तो कई तरह की समस्याएं खड़ी होने लगती है, इसलिए बदलाव जरूरी है- ये बातें पूर्व सांसद आनंद मोहन ने दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार और बीजेपी की जीत के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कही है.

दरअसल आनंद मोहन नालंदा के चंडी में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. उन्होंने ने दिल्ली चुनाव परिणामों पर कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत यही है कि इसमें सत्ता का परिवर्तन होता रहता है. उन्होंने समाजवादी विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों का जिक्र करते हुए कहा, "रोटी को यदि उलटते-पलटते रहेंगे, तभी वह ठीक से पकेगी और लोग उसे खा सकेंगे, अगर रोटी को तवे पर एक ही तरफ ज्यादा देर तक रखा जाए, तो वह जल जाती है." इसी संदर्भ में उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में भी सत्ता परिवर्तन आवश्यक होता है, क्योंकि जब कोई पार्टी बहुत लंबे समय तक सत्ता में रहती है, तो कई तरह की समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं और जनता का आक्रोश बढ़ता जाता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव परिणाम इस बात का प्रमाण है कि लोकतंत्र में बदलाव आवश्यक है और जनता हमेशा परिवर्तन के लिए तैयार रहती है.

 आम आदमी पार्टी की हार पर टिप्पणी करते हुए आनंद मोहन ने कहा, "जो जैसा काम करेगा, उसे वैसा ही परिणाम मिलेगा." उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जो परिस्थितियाँ बनीं, वे किसी से छिपी नहीं हैं. लंबे समय तक सत्ता में रहने के कारण आम आदमी पार्टी को जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि जब कोई सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरती है, तो जनता उसे सत्ता से बाहर करने में देर नहीं लगाती. यह लोकतंत्र की स्वाभाविक प्रक्रिया और इसी सिद्धांत के आधार पर दिल्ली में बदलाव हुआ है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जनता को बड़े-बड़े सपने दिखाए, लेकिन समय के साथ वे सपने टूटते गए. लोग अब समझ चुके हैं कि केवल वादों से सरकार नहीं चलाई जा सकती, बल्कि ज़मीनी स्तर पर काम करना भी उतना ही आवश्यक है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के लिए यह हार एक बड़ी सीख होगी कि सिर्फ प्रचार और घोषणाओं से राजनीति नहीं चलती, बल्कि जनता के प्रति जवाबदेही भी जरूरी होती है.

 आनंद मोहन का यह बयान अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और उनके बयान को दिल्ली विधानसभा के साथ ही बिहार की नीतीश सरकार के संदर्भ में भी देखी जा रही है.जिस तरह उन्होंने सत्ता परिवर्तन की बात को रखा है उसको लेकर कई तरह के मायने निकाले जाने लगे हैं क्योंकि आने वाले दिनों में बिहार में चुनाव होने वाले हैं और विपक्षी दल आनंद मोहन के बयान के बहाने बिहार की नीतीश सरकार पर हमला बोल रहे हैं, क्योंकि यहां नीतीश कुमार करीब 2005 से ही लगातार सत्ता में हैं.

रिपोर्ट - मो. महमूद आलम, नालंदा

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