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RJD के संगोष्ठी में JNU के पूर्व प्राध्यापक प्रो आनंद हुए शामिल, मोदी सरकार को बताया पूंजीवादी व्यवस्था का समर्थक..

Former JNU professor Prof Anand attended RJD's seminar, call

Patna -बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश कार्यालय में ‘‘भारत के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में समाजवाद की भूमिका’’ विषय पर विचार गोष्ठि  का आयोजन किया गया. इस गोष्टि को मुख्य वक्ता के रूप में JNU  के पूर्व प्रध्यापक, प्रख्यात समाजशास्त्री, समाजवादी चिंतक प्रो0 आनन्द कुमार ने संबोधित किया, जबकि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस गोष्ठी की अध्यक्षता की.


 प्रोफेसर आनंद ने संबोधित करते हुए कहा कि पूंजीवादी व्यवस्था में आम जनों के समस्याओं का सामाधान संभव नहीं है। बल्कि इस व्यवस्था में आम लोगों से संबंधित समस्यायें और भी बढती ही जाती है। 

 लोकतांत्रिक समाजवाद ही एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें लोगो के समस्यों का समाधान हो पायेगा। आज लोगों के सामने मंहगाई, कमाई, दवाई और पढाई ही मुख्य समस्या हैं। पिछले कुछ वर्षो में देश के अन्दर पूंजीवादी व्यवस्था को संरक्षण एवं प्रोत्साहन मिल रहा है। उसका दुष्परिणाम आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इससे आर्थिक विषमता बढती जा रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजीकरण को बढावा मिल रहा है। सार्वजनिक उपकरणों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है जिससे महंगाई और बेरोजगारी बढती जा रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य आम लोगों की पहुंच से बाहर होते जा रहा है। 

 प्रोफेसर आनंद ने आगे कहा  कि आज विकास, सुशासन, वैधानिकता, जनतंत्र, राष्ट्रनिर्माण, नागरिकता का निर्माण एवं पर्यावरण संकट के दौर से गुजर रहा है। चुनावी व्यवस्था में मनी पावर मीडिया पावर एवं मशल पावर का प्रभाव बढता जा रहा है। जनतंत्र में संवाद महत्वपूर्ण होता है और संवाद में आलोचना भी हो सकती है। पर आज संवाद से आलोचना गायब हो गया है। राष्ट्र निर्माण के नाम पर धार्मिक भावनाऐं भडकाई जा रही है। धर्म को राष्ट्रीयता का आधार बनाने की कोशिश हो रही है। 

आज  नौजवानों के उपर बहुत बड़ी जिम्मेवारी है। हमारे पुरखों ने अपनी कुर्बानिया देकर जो आजादी हमें दिलाई और काफी मेहनत और संवादो के माध्यम से जो संविधान हमें सौपा है,आज उसे बचाने के लिए युवा को राजनीति में अभिरूची लेनी होगी और अच्छे लोगों को राजनीति में आगे आना होगा और समजावादी विचारधारा को जन-जन के बीच ले जाना होगा। लोकतांत्रिक समाजवाद की व्यवस्था से ही मंगाई, कमाई, दवाई और पढाई जैसे समस्याओं का सामाधान संभव है। 

 

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