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समस्तीपुर में SFI के सेमिनार में पहुंचे JNU के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष, कहा...

समस्तीपुर में SFI के सेमिनार में पहुंचे JNU के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष, कहा...

Former JNU student union president reached SFI seminar in Sa
समस्तीपुर में SFI के सेमिनार में पहुंचे JNU के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष, कहा...- फोटो : Darsh News

समस्तीपुर: समस्तीपुर के विभूतिपुर प्रखंड स्थित एक निजी शिक्षण संस्थान में भारत का छात्र फेडरेशन (SFI) के बैनर तले शिक्षा छात्र और संविधान के विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में JNU विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष आईसी घोष के साथ ही राज्य सचिव देवदत्त वर्मा, राज्य अध्यक्ष कांति यादव एवं जिला मंत्री छोटू भारद्वाज पहुंचे। सेमिनार की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष नीलकमल ने की। सेमिनार को राज्य सचिव देवदत्त वर्मा, राज्य अध्यक्ष कांति यादव, जिला मंत्री छोटू कुमार भारद्वाज, पूर्व जिला मंत्री संजय कुमार आदि ने संबोधित किया। वहीं सेमिनार के मुख्य वक्ता जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं एसएफआई के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव आईसी घोष ने कहा कि एसएफआई का समस्तीपुर जिला में इतिहास रहा है। शहीद लाल बहादुर राय ने समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर के अंदर अपनी शहादत दी। 

इस जिला के अंदर एसएफआई का झंडा हमेशा ऊंचा रहा है, जब हम बात करते हैं कि शिक्षा और संविधान की तो हम मानते हैं कि देश में अंग्रेजों के खिलाफ जब लड़ाई लड़ी गई थी तो कई देश के कई लोग शहीद हुए थे। उनका एक सपना था जो देश के जनता होंगे, किसान होंगे, मजदूर होंगे, वंचित होंगे उनको पढ़ने लिखने का अधिकार होगा, समान अधिकार मिलेगा। भगत सिंह 23 साल की उम्र में अपनी कुर्बानी दी। उनका यह कहना था कि यह लड़ाई अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ना सही मायने में आजादी का मतलब नहीं होगा। जब देश के अंदर करोड़ों छात्र, युवा, किसान, मजदूर एवं वंचित अपने पैर पर खुद खड़े होंगे तभी सही मायने में हमारा देश आजाद होगा लेकिन आज देश के अंदर क्या हो रहा है हम और आप सभी देख रहे हैं। आज विकसित भारत की बात हो रही है, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात हो रही है लेकिन छात्र-छात्राओं को शिक्षण संस्थान में मूलभूत सुविधा तक नसीब नहीं होता है। 

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आज शिक्षा को निजीकरण किया जा रहा है। इस क्षेत्र में इकलौता डिग्री कॉलेज डीबीकेएन है, जहां छात्राओं को निशुल्क शिक्षा मिल रही है तो वह एसएफआई के आंदोलन कारण ही हो रहा है। अधिकांश कॉलेजों में किसान, मजदूर, गरीब, पिछड़ा एवं वंचितों के बच्चों को महंगी शिक्षा मिल रही है। आज शिक्षा के क्षेत्र में भी जाति धर्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने हम दलित महा दलित पिछड़े अति पिछड़े को जो शिक्षा का अधिकार दिया है। उसे कुचलने की कोशिश की जा रही है। केंद्र सरकार चाहती है कि पिछड़ा, किसान, मजदूर एवं वंचितों के बच्चे को पढ़ने लिखने से रोकी जा सके। वे समझते हैं कि जब यह समाज के सबसे निचले तबके, वंचित तबके के लोग पढ़ेंगे तो वह अपने अधिकार के लिए लड़ेंगे। वहीं इस संविधान के लिए हमलोग को मजबूत लड़ाई लड़ने की जरूरत है। इसलिए हम छात्रों को पढ़ाई लड़ाई साथ-साथ करने की जरूरत है। 

एसएफआई से जुड़े रहकर हमें संघर्ष करने की जरूरत है। अंत में आईसी घोष डीबीकेएन कॉलेज के कैंपस का भ्रमण किया। इस दौरान कॉलेज के शिक्षक एवं कर्मचारियों से औपचारिक मुलाकात कर कैंपस में शैक्षणिक गतिविधि का हाल-चाल जाना। मौके पर केशव झा, प्रिंस कुमार, सोनू कुमार, श्याम बाबू, दिवाकर कुमार, अंजली कुमारी, रोहित कुमारी, रवीना कुमारी, रुखसाना खातून, स्नेहा कुमारी, नेहा कुमारी, काजल कुमारी, प्रीति कुमारी सहित सैकड़ो छात्र-छात्राएं शामिल थे।

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