Desk- देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह(Manmohan Singh) के निधन पर शोक संवेदनाओं का दौर लगातार जारी है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस के नेता सोनिया, गांधी राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई बड़े राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी शोक जताया है.
बताते चलें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी जिसके बाद रात में करीब 8 बजे दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान ही मनमोहन सिंह ने अंतिम सांस ली.उनके निधन के बाद से देश भर में शोक की लहर है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शोक संवेदना में मनमोहन सिंह को एक ईमानदार और कर्मठ राजनेता बताते हुए उनके कई खूबियों की चर्चा सोशल मीडिया के जरिए की है. उन्होंने उस याद की गाड़ी को भी शेयर किया है जब प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह थे और खुद नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने भी दुख जताया है. इसके साथ ही उन्होंने मनमोहन सिंह के साथ पुराने दिन को यादव करते हुए कुछ तस्वीरें एक्स पर शेयर की हैं. कैसे एक निवेदन पर मनमोहन सिंह बिहार आए थे इसका उन्होंने अपने पोस्ट में जिक्र किया है. लालू प्रसाद यादव ने लिखा है कि आदरणीय पूर्व प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का दुखद समाचार सुना। सरदार मनमोहन सिंह जी ईमानदारी, सादगी, सज्जनता, सरलता, विनम्रता, बुद्धिमत्ता व दूरदर्शिता की प्रतिमूर्ति थे। आर्थिक उदारीकरण के शिल्पकार सरदार मनमोहन सिंह ने आधुनिक व स्वावलंबी भारत की नींव रखी। उनका जाना एक व्यक्तिगत क्षति है। उनका प्रचुर स्नेह मुझे मिलता रहा। ऐसे विनम्र विशाल व्यक्ति के साथ काम करना मेरा सौभाग्य था। 𝟐𝟎𝟎𝟒 से 𝟐𝟎𝟏𝟒 के बीच उन्होंने बिहार और भारत को बेहतरीन एवं फलदायक वर्ष अथवा यूं कहे कि स्वर्णिम दशक दिया। यूपीए गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी राजद के नेता तथा कैबिनेट सहयोगी रेलमंत्री के रूप में हमारी सकारात्मक पहल एवं आग्रह पर उन्होंने 𝟐𝟎𝟎𝟒 से 𝟐𝟎𝟎𝟗 के बीच बिहार को विकास कार्यों के लिए 𝟏 लाख 𝟒𝟒 हज़ार करोड़ की धनराशि एवं परियोजनाएं दी। कोसी विभीषिका के समय हमारे निवेदन पर तुरंत बिहार चले आए तथा हजारों करोड़ की आर्थिक सहायता, राहत सामग्री एवं राशि प्रदान की। उनके स्वर्गवास उपरांत 𝟐𝟎𝟎𝟒 से 𝟐𝟎𝟏𝟒 के स्वर्णिम दशक में उनकी छाप व उनकी सफलता एक रिकॉर्ड के रूप में स्वतः ही इतिहास में ओर अधिक जोर-शोर से प्रचारित होगी। उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। इस कठिन समय में उनके परिवार, प्रियजनों व प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक शोक संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान दें.