भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को लेकर मुकाबले खेले गए. 5 मैचों की टेस्ट सीरीज थी, जिसका आखिरी मुकाबला सिडनी में खेला गया. इस मैच में भारतीय खिलाड़ियों के साथ-साथ फैंस को निराशा हाथ लगी. वहीं, इस ट्रॉफी को लेकर किंग कोहली की चर्चा बड़े ही जोर-शोर से हो रही है. दरअसल, विराट कोहली जब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए पर्थ पहुंचे तो वहां के मीडिया ने उनकी जमकर तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि किंग की वापसी ऑस्ट्रेलिया में हुई है. यहां तक कि पर्थ में उन्होंने पहली पारी में फेल होने के बाद दूसरी पारी में शतक जड़ा, लेकिन इसके बाद पूरी सीरीज में उनके बल्ले से रन नहीं आए.
बता दें कि, विराट कोहली एक ही तरह से ऑफ स्टंप की गेंद पर विकेट के पीछे या फिर स्लिप में आउट होते चले गए. वहीं, अब इस पूरे मामले को लेकर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर रिकी पोंटिंग ने अपनी बात रखी है. एक हिंदी वेबसाइट की माने तो, बीजीटी में कमेंट्री करने वाले रिकी पोंटिंग ने एक इंटरव्यू में कहा कि, "आप विराट कोहली के चेहरे पर निराशा देख सकते थे, जब वह SCG टेस्ट में आउट हुए. वह खुद पर बहुत गुस्सा थे, क्योंकि वह उसी तरह (चौथे-पांचवें स्टंप की गेंद पर बल्ला चलाकर स्लिप या विकेट के पीछे कैच देना) आउट हुए. हां, उनके लिए यह निराशाजनक सीरीज थी, लेकिन मुझे यकीन है कि विराट के लिए अभी भी ट्रैक पर बहुत सारे रन बनाने बाकी हैं."
वहीं, रिकी पोंटिंग के इस बयान से साफ-साफ यह माना जा रहा है कि, वह चाहते हैं कि विराट कोहली आगे भी रेड बॉल क्रिकेट खेलते रहें. इधर, पर्थ के शतक को छोड़ दें तो विराट कोहली ने पूरी सीरीज में 100 रन भी कुल नहीं बनाए. विराट कोहली सीरीज में कुल 8 बार आउट हुए और हर बार वे चौथे-पांचवें स्टंप की गेंद पर स्लिप या विकेट के पीछे आउट हुए. वे इतने ज्यादा प्रिडिक्टेबल दिखे कि कोई साधारण सा गेंदबाज भी उनको लगातार उस चैनल में गेंदबाजी करके आउट कर सकता है. स्कॉट बोलैंड, जो ऑस्ट्रेलिया के लिए किसी के चोटिल होने पर खेलते हैं, उन्होंने भी इस सीरीज में विराट कोहली को कई बार आउट किया.