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पटना के पालीगंज अस्पताल में फर्जीवाड़ा..

Fraud in Patna's Paliganj Hospital

Danapur :- सरकारी अस्पतालों में विभिन्न लाभकारी योजना में फर्जीवाड़ा का काम लगातार चल रहा है. पटना के पालीगंज अस्पताल में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है, जिसमें "मां" बनी कोई और, लाभ ले गया कोई और!

 मातृत्व लाभ की खुली हेराफेरी चर्चा पूरे अस्पताल में हो रही है और अधिकारी जानते हुए भी अनजान बनने की कोशिश कर रहे हैं, मिली जानकारी के अनुसार 20 मार्च को अस्पताल के प्रसूता वार्ड में एक घुमंतू गर्भवती महिला को भर्ती किया गया, जिसने कुछ ही घंटों में बच्चे को जन्म दिया। लेकिन महिला के पास न कोई पहचान-पत्र था, न बैंक खाता। ऐसे में उसका नाम अस्पताल रजिस्टर में दर्ज नहीं किया जा सका। उपाधीक्षक डॉ. आभा कुमारी की अनुमति से मां और नवजात को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

इसके बाद अस्पताल कर्मियों ने नगर थाना क्षेत्र की एक आशा कार्यकर्ता को लालच देकर मिला लिया। घुमंतू महिला की जगह इजरता गांव की फूलवंती देवी पति संतोष पासवान का नाम प्रसूता रजिस्टर में दर्ज कर दिया गया। जिसमें कन्या के जन्म के  बाद 600 रुपए की प्रोत्साहन राशि और 1400 रुपए का मातृत्व लाभ भी उसी के नाम से निकाल लिया गया। इसमें अस्पताल उपाधीक्षक के साइन भी रजिस्टर पर दर्ज है।

जांच में जब फूलवंती की गोतनी से पूछा गया तो सच्चाई सामने आई – "पिछले महीने उनके घर कोई बच्चा नहीं हुआ। बल्कि उसका DLC यानि गर्भपात कराया गया"एक अस्पतालकर्मी ने बताया कि ऐसा खेल लंबे समय से जारी है। जन्म प्रमाण पत्र जारी करने तक में दलाली का बोलबाला है।

उपाधीक्षक डॉ. आभा कुमारी से जब इस बारे में पूछा गया तो कोई ठोस जवाब नहीं मिला, बस जांच और कार्रवाई का आश्वासन देकर बात टाल दी गई।

  दानापुर से पशुपति की रिपोर्ट

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