.बिहार में 13 गुणा बढ़ी मेडिकल कॉलेज में MBBS की सीट
• 2005 में 6 सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय
• 2025 में 12 सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय
• 22 चिकित्सा महाविद्यालय निर्माणधीन
• 2005 में MBBS पाठ्यक्रम की सीट 390
• 2025 में 5220 MBBS की सीट
• आयुष चिकित्सा को भी बढ़ावा दे रही है बिहार सरकार
• मुजफ्फरपुर में 200 बेड का सुपर-स्पेशलिटी होम्योपैथ अस्पताल
• दक्षिण बिहार में नया होम्योपैथ कॉलेज और अस्पताल
• राज्य में 294 आरोग्य मंदिर संचालित
• 86 नए आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के निर्माण की घोषणा
• बिहार में एक साथ 2901 आयुष चिकित्सक की भर्ती
Patna :- नीतीश सरकार के 20 साल के कार्यकाल में बिहार में एमबीबीएस की सीटें 13 गुना बढ़ी है, जबकि मेडिकल कॉलेज की संख्या 6 से बढ़कर 34 होने वाली है, यह दावा बिहार की नीतीश सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग की माने तो 2005 से पहले बिहार के स्वास्थ्य सेवा में संसाधनों की भारी कमी थी। अस्पताल थे, तो डॉक्टर नहीं, डॉक्टर थे, तो महीनों अस्पताल जाते नहीं थे। स्वास्थ्य व्यवस्था में डॉक्टरों की भारी कमी थी। तब बिहार में मात्र 6 सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल हुआ करते थे। मेडिकल कॉलेज में महज 390 एमबीबीएस सीट थीं। लेकिन नीतीश सरकार के शासन काल के दौरान स्वास्थ्य सेवा में बदलाव हुआ। अब बिहार देश में मेडिकल शिक्षा का नया केंद्र बन कर उभर रहा है। आज राज्य सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि बिहार स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान बना रहा है।
क्या कहते हैं आंकड़े
साल 2005 तक बिहार में केवल 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। 2025 में बिहार में मेडिकल कॉलेज की संख्या 12 हो गई। इसके अलावा 22 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इन कॉलेजों का निर्माण पूरा होने के बाद बिहार में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 34 हो जाएगी।
13 गुना बढ़ी बिहार में MBBS की सीटों की संख्या
पिछले 20 सालों में बिहार में जहां मेडिकल कॉलेज की संख्या दोगुनी हो गई है। वहीं मेडिकल कॉलेजों में MBBS की सीटों में 13 गुणा इजाफा हुआ। साल 2005 में बिहार में MBBS की कुल 390 सीटें थीं। लेकिन 2025 तक यह संख्या 13 गुना बढ़कर 5220 हो जाएगी।
राजकीय और निजी चिकित्सा महाविद्याल हुए चार गुना
मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीट बढ़ने के बाद ना केवल बिहार के छात्रों को मेडिकल एजुकेशन के ज्यादा अवसर मिलेंगे। बल्कि राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी भी दूर होगी। गौर करने वाली बात ये है कि बिहार में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के साथ साथ निजी चिकित्सा महाविद्यालय की संख्या बड़ी है। इस आंकड़े में चार गुना का इजाफा हुआ है।
चार गुणा हुआ प्राइवेट मेडिकल कॉलेज
बिहार में निजी चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण में तेजी आई है। 2005 में बिहार में जहां- दो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज थे। इसमें 120 MBBS सीटें थीं। वहीं, अब 9 प्राईवेट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीटों की संख्या 1350 है।
294 आयुष मंदिर संचालित, 86 को मिली मंजूरी
स्वास्थ्य विभाग एलोपैथी के साथ आयुष चिकित्सा को भी बढ़ावा दे रहा है। मुजफ्फरपुर में 200 बेड का सुपर-स्पेशलिटी होम्योपैथी अस्पताल निर्माणाधीन है। वहीं, दक्षिण बिहार में भी एक नए होम्योपैथी कॉलेज और अस्पताल की स्थापना की जा रही है। हाल ही में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 2901 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति की है। बिहार में अभी 294 आयुष आरोग्य मंदिर संचालित हैं। जबकि 86 नए आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के निर्माण की भी घोषणा की गई है।