Aurangabad :- पुलिस की गाड़ी ने एक बुजुर्ग को धक्का मार दिया और फिर भाग गई, घर के में गंभीर रूप से घायल बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज चल रहा है, परिजनों में संबंधित पुलिस गाड़ी के चालक और पदाधिकारी के खिलाफ गुस्सा है.
मिली जानकारी के अनुसार औरंगाबाद जिले के नबीनगर थाना के वाहन ने एक वृद्ध को धक्का मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया।यह घटना शहर के पुरानी जीटी रोड पर दानीबिगहा बस स्टैंड स्थित एक वाहन वाशिंग पिट के पास की है। घायल वृद्ध की पहचान शहर के जसोईयां पासवान चौक निवासी जीतू पासवान के रूप में की गई है।
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने डायल 112 की पुलिस के सहयोग से घायल को इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने वृद्ध को हायर सेंटर रेफर कर दिया क्योकि सदर अस्पताल में हड्डी के डॉक्टर नही हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने शुभम और तपेश्वर ने बताया कि पुलिस वाहन चालक की लापरवाही से यह दुर्घटना हुई है। वृद्ध वाशिंग पिट के पास सड़क से गुजर रहे थे। इसी दौरान वाहन चालक ने वृद्ध को धक्का मार दिया। धक्का लगते देख उन्होने शोर मचाकर चालक को रुकने को कहा लेकिन वह भागने की आपाधापी में वृद्ध को रौंदता हुआ फरार हो गया। उन्होने भागते हुए वाहन का नंबर देखा है, जो बीआर 01 पीके 2170 है।
हादसे के बाद सदर अस्पताल पहुंचें मुहल्लेवालों ने बताया कि वृद्ध का परिवार बेहद गरीब है। परिवार के लोग मजदूरी करते है। इसी से उनके परिवार का गुजारा चलता है। हादसे के वक्त वृद्ध के परिजन मजदूरी करने गए हुए थे। उनके पास मोबाइल भी नही है। इस कारण वृद्ध के बेटों को हादसे की सूचना देने के लिए आदमी भेजे गए है। सूचना मिलने के बाद बेटों के आने पर वृद्ध को बेहतर इलाज के लिए 102 एंबुलेंस से मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया ले जाया जाएगा। कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वृद्ध का इलाज तो हो जाएगा लेकिन उनके साथ जानेवालों के पास रहने-खाने और दवा-दारु पर खर्च करने तक के पैसे नही है। लिहाजा सड़क हादसे से परिवार के समक्ष बेहद विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है।
वहीं प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा बताए गए पुलिस वाहन संख्या बीआर 01 पीके 2170 की जब एम परिवहन ऐप पर जांच की गई तो पता चला कि यह बोलेरो कॉमर्शियल वाहन 28 दिसंबर 2019 तक ही बीमित था। मतलब वाहन का बीमा फेल हो चुका है। इसके बावजूद पुलिस महकमे द्वारा वाहन को बीमा नवीकरण कराने के बजाय ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
औरंगाबाद से गणेश की रिपोर्ट