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बगहा में एक मगरमच्छ को पकड़ने के लिए तालाब में उतर गए बच्चे बूढ़े और जवान, फिर..

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Bagaha:- एक मगरमच्छ को पकड़ने के लिए बूढ़े बच्चे और जवान एक साथ तालाब में उतर गए,और देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई.

यह मामला पश्चिम चम्पारण ज़िले के चूहड़ी का है.इस गांव में कुछ ऐसा हुआ, जिसे देखने लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा.सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण एक तालाब से जाल के ज़रिए करीब पांच फीट लंबे मगरमच्छ को पकड़ते नज़र आए.जाल में मगरमच्छ को दबोचने के बाद बच्चे, बूढ़े तथा जवान सभी ने मिलकर उसे कंधे पर टांग लिया और फिर तालाब से बाहर खेतों में लाकर लोहे के पिंजड़े से बांध दिया.पिंजड़े में बांधने के बाद ग्रामीण उसे एक सुखी जगह पर ले गए, जहां सूचना के बाद पहुंची वन विभाग की टीम को मगरमच्छ सुरक्षित हालत में सौंप दिया गया.

बता दें कि ज़िले के चनपटिया प्रखंड स्थित चूहड़ी गांव में मौजूद एक तालाब में पिछले आठ महीने से बड़े आकर के मगरमच्छ को देखे जा रहा था.ग्रामीण लाल बाबू की माने तो, तालाब के आस पास के सभी लोग इस बात से रूबरू थें कि वहां एक मगरमच्छ रह रहा है.किसी भी प्रकार के हादसे से बचने के लिए ग्रामीणों ने उसे कई बार पकड़ने की कोशिश की, लेकिन डर की वजह से ये काम पूरा न हो सका.मगरमच्छ के बड़े होने के साथ साथ जब उसने तालाब की मछलियों को सफाचट करना शुरू किया, तब गांव वालों ने उसे किसी भी कीमत पर पकड़ने की ठान ली.

ग्रामीणों की मानें तो, उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को भी दी थी. लेकिन जब तक वन कर्मी वहां पहुंचकर रेस्क्यू अभियान शुरू करते, तब तक ग्रामीणों ने खुद ही मगरमच्छ को मछली पकड़ने वाले जाल के सहारे अपने कब्जे में ले लिया.गौर करने वाली बात यह है कि मगरमच्छ को पकड़ने के बाद ग्रामीणों ने उसे रस्सी से बांध दिया और फिर कंधे पर ही लाद कर सूखे की तरफ ले जाने लगे.आश्चर्य की बात यह है कि मगरमच्छ को कंधे पर टांगने वालों में छोटे बच्चे भी शामिल थें.

बरामद मगरमच्छ क़रीब 5 फीट लंबा तथा 80 किलो वजनी था.पकड़ने के बाद उसे ज़मीन पर लाकर ग्रामीणों ने एक लोहे के पिंजड़े से बांध दिया.इस दौरान न तो किसी ग्रामीण के साथ हादसा हुआ और न ही मगरमच्छ को चोट आई.इधर ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को अपने कब्जे में ले लिया. वनकर्मियों की माने तो, मगरमच्छ गंडक नदी से निकल किसी नहर के सहारे यहां तक आ पहुंच आया होगा. रेस्क्यू के बाद अब पुनः उसे गंडक नदी में वापस छोड़ दिया जाएगा.

बगहा से अजय शर्मा की रिपोर्ट

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