Saharsa - जिले के सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापिका के पति के द्वारा दबंगई करने का मामला सामने आया है जिसमें प्रधानाध्यापिका के आदेश पर बीपीएससी शिक्षक द्वारा फर्जी तरीके से CL छुट्टी नहीं भरे जाने को लेकर विवाद हुआ और प्रधानाध्यापिका के पति स्कूल आकर शिक्षक के साथ मारपीट की है. इस मारपीट को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें पीड़ित शिक्षक को रो -रोकर अपनी बात कह रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार यह मामला सहरसा जिला अन्तर्गत नवहट्टा प्रखंण्ड क्षेत्र के शाहपुर पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय मझौल पश्चिम का हैं। इस संबंध में पीड़ित बीपीएससी शिक्षक मोहम्मद वासीद का रोते हुए वीडियो वायरल हुआ है. शिक्षक के अनुसार प्रधानाध्यापिका अनवरी खातून द्वारा 2024 के बचे हुए सीएल स्वीकृति करने को मुझे कहा था फर्जी तरिके से मैंने नहीं किया तो जिस कारण विवाद हुआ। इसी बीच प्रधानाध्यापिका के पति विद्यालय आकर मेरे साथ मारपीट करने लगा वे स्कूल के नजदीक के हैं। हम सहरसा सुलिन्दाबाद के रहने वाले हैं। इसीलिए मुझे प्रताड़ित करते रहते हैं। इसका गवाह सभी शिक्षक हैं।
वहीं इस मामले पर स्कूल के सभी शिक्षक प्रधानाध्यापिका के खिलाफ विडियो में विरोध भी कर रहा है। इस संबंध में आरोपी प्रधानाध्यापिका अनवरी खातून का कहना है। सीएल को लेकर जरूर बातचीत हुई थी लेकिन मेरे पति शिक्षक के साथ मारपीट नहीं की है. इस घटनाक्रम पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए जानकारी मिली है अभी तक किसी भी शिक्षक ने शिकायत नहीं किया है वह अपने स्तर से जांच पड़ताल कर रहे हैं और दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी
बताते चलें कि स्कूलों में छुट्टी को लेकर फर्जीवाड़ा का खुलासा खुद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव सिद्धार्थ कर चुके हैं. इसको लेकर कई शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई है और सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक विशेष गाइडलाइन भी जारी की गई है इसके बावजूद इस तरह का फर्जीवाड़ा अभी भी हो रहा है और इसका एक उदाहरण सहरसा का यह स्कूल लिया जा सकता है जहां फर्जीवाड़े को लेकर ही प्रधानाध्यापिका और शिक्षक के बीच विवाद हुआ और प्रधानाध्यापिका के पति ने कानून को अपने हाथ में लेते हुए शिक्षक के साथ दबंगई से मारपीट की. मारपीट किया घटनाएं स्कूल में बच्चों के सामने ही हुई है ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों के बीच शिक्षकों की क्या छवि बन रही है.
सहरसा से दिवाकर कुमार दिनकर की रिपोर्ट