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चुनावी साल में सौगात-ए-मोदी ईद किट पर बिहार का राजनीतिक पारा चढ़ा..

In the election year, Bihar's political temperature rose on

Desk:- वक्फ बोर्ड समेत अन्य मुद्दों पर भाजपा और मोदी सरकार के रूप को लेकर देश के मुसलमान का एक बड़ा तब का नाराजगी दिख रहा है, वहीं भाजपा ईद के बहाने मुसलमान के गरीब परिवार तक पहुंचने की कोशिश कर रही है और इसके लिए इस साल ईद के मौके पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की तरफ से पूरे देश भर में मुस्लिम परिवार के घरों तक खुशियों की सौगात पहुंचाने जा रही है. इसके जरिए बीजेपी देश भर के करोड़ों मुस्लिम परिवार के बीच'सौगात-ए-मोदी' किट के जरिए ईद की सौगात देने जा रही है, और इसके लिए देश की राजधानी दिल्ली से यह शुरुआत हो चुकी है, वही चुनावी साल में बिहार के 32 लाख मुस्लिम परिवारों के घर तक 'सौगात-ए-मोदी' किट पहुंचने का लक्ष्य बिहार बीजेपी की तरफ से रखा गया है. वहीं भाजपा की इस पहल से विपक्षी दल परेशान है और बिहार की राजद ने इसको लेकर भाजपा पर हमला करते हुए कई सवाल पूछे हैं.

 ईद को लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा किए जा रहे इस पहल की जानकारी देते हुए बिहार बीजेपी के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने बताया कि ईद के शुभ अवसर पर बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर देश के सभी कोनों में जरूरतमंद मुसलमानों के घरों तक ईद की खुशहाली पहुंचाने के लिए मोदी किट पहुंचाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने साफ लहजे में कहा कि 'सौगात-ए-मोदी' किट गरीब मुसलमानों को ईद का तोहफा है. गरीब मुसलमान भी अच्छे से ईद मना सकें, इसलिए बीजेपी उन्हें ईद मनाने के लिए यह किट दे रही है. इसमें वे जरूरी चीजें होंगी, जिनका इस्तेमाल कर गरीब मुसलमान अपनी ईद मना सकते हैं.मोदी किट में कपड़े, सेवइयां, ड्राई फ्रूट्स और खुशबू सहित सभी आवश्यक सामग्रियां होंगी.चांद रात के पहले तक यह किट बिहार के 32 लाख लोगों तक पहुंचा दिया जाएगा.

 दानिश इकबाल ने  आगे कहा कि जो मुसलमान गरीब, यतीम, बेवा हैं, जिन्होंने रमजान के एहतमाम किया, उनके घर में भी ईद की खुशी होनी चाहिए. इसलिए बीजेपी ने 'सौगात-ए-मोदी' किट देने का फैसला किया है, जिससे ऐसे गरीब भी ईद की खुशियां मना सकें और एक-दूसरे को मुबारकबाद दे सकें.वहीं विपक्षी दलों पर निशाना चाहते हुए दानिश इकबाल ने कहा कि आज बिहार में कई पार्टियां कथित तौर पर मुसलमानों का ठेकेदार बनकर घूम रही हैं, लेकिन उन्हें उन गरीबों से क्या? बीजेपी का यह कदम सामाजिक समावेश और गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा प्रयास है और सही अर्थों में यह ऐसे लोगों के लिए सौगात है, जो ईद पर खुशियां लाने वाला है.

 वहीं भाजपा के इस पहल पर बिहार आरजेडी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोकतंत्र में सौगात नहीं दिए जाते, बल्कि नागरिक को अधिकार और हक दिए जाते हैं जो भाजपा नहीं कर रही है.पार्टी प्रवक्ता एजाज अहमद ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से पूछा है कि वह मुसलमानों को सौगात देने की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर मुसलमान के  हक और अधिकार को वक्फ संशोधन विधेयक के माध्यम से छीनने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि लोकतंत्र में सरकार प्रत्येक नागरिक को उसका हक और अधिकार देकर उसे मजबूत करती है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार मुसलमान के हक और अधिकार को छीनने के लिए आतुर है।जहां एक तरफ भाजपा 32 हजार मस्जिदों में अपने कार्यकर्ताओं को भेज कर मुसलमानों को ईद का सौगात देने की बात कर रही है,वहीं दूसरी ओर संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ जाकर उनको हर तरह से प्रताड़ित कर रही है ,और वक्फ संपत्ति को छीनने का प्रयास कर रही है। इस तरह की दोहरी नीति अपना कर भाजपा करना क्या चाहती है यह उसे स्पष्ट करना चाहिए। भाजपा नेताओं को यह भी बताना चाहिए कि मुसलमान के खिलाफ नफरत का माहौल कब समाप्त करेंगे। कब उनके खिलाफ नफरत की भाषा बंद करेंगे और कब मुसलमान को उसके हक और अधिकार देने के लिए धारा 341 में संशोधन करके पसमांदा मुसलमान को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे, और साथ ही साथ मुसलमान के प्रति जिस तरह की भाषा मर्यादाहीन और कहीं ना कहीं वैमनस्य बढ़ाने वाली होती है, उसे कब रोकेंगे।

एजाज ने आगे कहा कि भाजपा को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि एक तरफ मुसलमान को उसके हक और अधिकार से वंचित करने के लिए नित नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लोकतंत्र में सौगात के नाम पर राजनीति लाभ के लिए ऐसे लुभाने विचार लेकर आई है लेकिन देश का मुस्लिम समाज समझ रहा है कि भाजपा की राजनीति सिर्फ वोट की राजनीति होती है मुस्लिम समाज को हक अधिकार देने की बात जब भी होती है तो भाजपा चुप्पी साध लेती है और उनको हक और अधिकार से वंचित करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहे हैं ।



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