पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट कटने से कई नेताओं ने बगावती कदम उठा लिया और निर्दलीय ही मैदान में कूद पड़े। इसके साथ ही कई नेताओं ने पार्टी के बाहर के प्रत्याशी को भी अपना समर्थन दे दिया जिसके बाद अब आलाकमान ने उनके विरुद्ध कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। सबसे पहले सत्तारूढ़ दल जदयू ने दो बार में विधायक, पूर्व विधायक समेत 16 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया तो दूसरी तरफ राजद ने भी विधायक, पूर्व विधायक और MLC समेत कई नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निष्काशित कर दिया है। इस कार्रवाई का शिकार परिहार से निर्दलीय प्रत्याशी रितु जायसवाल भी हो गई जिसके बाद उनका गुस्सा फूट पड़ा।
रितु जायसवाल ने राजद पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए लालू - तेजस्वी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर राजद में दोहरे मापदंड का आरोप लगाया है। रितु जायसवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि 'कल पार्टी ने परिहार से मुझे, गोविंदपुर से मो कामरान जी को, चिरैया से अच्छेलाल यादव जी को और कई अन्य जमीनी कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए बाहर कर दिया। कारण बताया गया - पार्टी समर्थित उम्मीदवार के विरोध में निर्दलीय खड़ा होना या किसी अन्य को समर्थन देना।
चलिए, मान लेते हैं कि मैं बागी हो गई हूँ। लेकिन मो कामरान जी का टिकट क्यों काटा गया? एक शांत स्वभाव के व्यक्ति, जो विधायक होते हुए भी पार्टी के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा और तल्लीनता से निभा रहे थे, उनका अपराध क्या था? 2020 में जब रामचंद्र पूर्वे जी ने एमएलसी रहते हुए परिहार में पार्टी विरोधी काम किया था, तब पार्टी का अनुशासन कहाँ था? अगर तब उन्हें 6 साल के लिए बाहर किया गया होता, तो क्या 2025 में अपने परिवार के किसी सदस्य को टिकट दिला पाते? स्पष्ट है कि पार्टी में दो मापदंड हैं - एक परिवार के लिए, दूसरा कार्यकर्ताओं के लिए।
मैंने पहले भी कहा है - अगर परिहार से किसी अन्य जमीनी कार्यकर्ता को टिकट मिला होता, तो मैं उसका समर्थन पूरे मन से करती। जो कार्यकर्ता लगातार जनता के बीच खड़ा रहे, उसे टिकट न मिले, और जो परिवार गणेश परिक्रमा करे, उसे इनाम में टिकट दे दिया जाए - यह दोहरा मापदंड परिहार की जनता को स्वीकार नहीं है, और इसकी गूंज 11 नवंबर को सीटी बजाकर पूरे बिहार को सुनाई जाएगी !'