Sports DesK - बिहार के राजगीर में महिला एशियाई हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भारतीय महिला की टीम ने अभी तक बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह पक्का कर ली है. भारतीय टीम और उनके प्रशंसको को उम्मीद है कि यह चैंपियनशिप ट्रॉफी मेजबान टीम ही जीतेगी.
बिहार में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर की हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है जिसमें सरकार की तरफ से काफी बेहतर इंतजाम किए गए हैं इसकी तारीफ भारतीय हॉकी टीम की खिलाड़ियों के साथ ही दूसरे देशों की आने वाली टीम के खिलाड़ी कर रहे हैं. इन खिलाड़ियों को मैदान में खेलने के साथ ही आसपास के पर्यटक क्षेत्र में भ्रमण करने का अवसर भी दिया जा रहा है. भारत अन्य विदेशी टीमों ने राजगीर के कई पर्यटक स्थलों के साथ ही बोधगया के महाबोधि मंदिर का भी दर्शन किया है. इस आयोजन में सरकार के द्वारा किए गए इंतजाम से अब बिहार की छवि खेल के क्षेत्र में भी बेहतर हो रही है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चैंपियंस ट्रॉफी का उद्घाटन किया था और देश-विदेश के आए खिलाड़ियों का स्वागत किया था. मैच की शुरुआत से पहले भी तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्टेडियम का दौरा कर अधिकारियों को कई तरह के निर्देश दिए थे. सरकार के ताजा प्रयास और इस आयोजन के बाद बिहार में खेल के प्रति माहौल बेहतर होने की उम्मीद है.
बताते चलें कि बिहार में अंतरराष्ट्रीय का एकमात्र मोइनुल हक स्टेडियम पटना में था जिसमें कई दशक पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैच हुए थे लेकिन उस स्टेडियम की स्थिति काफी खराब है और वहां लोकल स्तर का भी खेल नहीं हो पा रहा है, हालांकि अब इस स्टेडियम को भी बेहतर बनाने के लिए बीसीसीआई के साथ करार किया गया है. वर्ष 2000 में बिहार से अलग होकर अलग राज्य का दर्जा पाने वाले झारखंड में खेल और खिलाड़ियों को लेकर काफी इंतजाम किए गए. झारखंड के खिलाड़ी हर साल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत कर ला रहे हैं,लेकिन बिहार में कुछ नहीं हो पा रहा था. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बनाया है और हाल ही में खेल विश्वविद्यालय की शुरुआत की है. इससे आने वाले दिनों में बिहार में खेल की गतिविधि बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है.
इससे पहले बिहार सरकार ने मेडल लाओ नौकरी पाओ की नीति लाई थी जिसकी तहत सैकड़ो महिला एवं पुरुष खिलाड़ियों को बिना परीक्षा दिए ही विभिन्न पदों पर नौकरी दी गई है, इससे खेल के प्रति बिहार में माहौल बेहतर होता हुआ दिख रहा है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बिहार में हॉकी के साथ ही क्रिकेट और अन्य खेल के बड़े आयोजन होंगे जिससे कि राज्य के युवाओं को भी खेल के प्रति ज्यादा रुझान बढ़ेगा.