बिहार जद(यू0) प्रदेश कार्यालय, पटना में पार्टी के प्रमंडल प्रभारियों, जिलाध्यक्षों एवं विधानसभा प्रभारियों की संगठनात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता माननीय प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा एवं संचालन प्रदेश महासचिव सह मुख्यालय प्रभारी चंदन कुमार सिंह ने की। बैठक में आगामी बिहार विधानसभा की चुनाव तैयारियों से संबंधित भावी रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा हुई एवं पार्टी की निचली इकाइयों को सशक्त बनाने हेतु पार्टी पदाधिकारियों को कई टास्क दिए गए।इस मौके पर मुख्य रूप से बिहार सरकार के कई मंत्री,विधायक व विधान पार्षद आदि मौजूद रहे। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जद(यू0) देश की इकलौती ऐसी पार्टी है जो समाजवादी सिद्धांतों पर चलती है और गांधी, जेपी, लोहिया, बाबासाहेब अंबेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर के विचारों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। हमारे निष्ठावान, ऊर्जावान और आस्थावान कार्यकर्ता जद(यू0) की सबसे बड़ी पूंजी है॔। उन्होंने कहा कि लोकसभा के चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया कि बिहार में हमारे नेता नीतीश कुमार और हमारी पार्टी जद(यू0) का कोई विकल्प नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 14 करोड़ प्रदेशवासियों के कल्याण और उत्थान में निरंतर जुटे रहते हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नए साथियों के साथ ही समता काल के वरिष्ठ साथियों को भी पार्टी से जोड़कर चलना है। उनका अनुभव नए कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा देगा। साथ ही उन्होंने 24 नवम्बर से शुरू होने वाले जद(यू0) कार्यकर्ता जिला सम्मेलन को ऐतिहासिक बनाने पर भी जोर दिया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2025 के चुनाव में 225 सीटों जीत दर्ज करना एनडीए गठबंधन का लक्ष्य है और इसे पूरा करने के लिए हमें अपने सहयोगी दलों के साथ समन्वय बनाकर चलना है।जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चैधरी ने कहा कि प्रदेश के सुदूर गांवों तक नीतीश सरकार की उपलब्धियां दिखाई देती हैं इसलिए हमें मजबूत आत्मबल के साथ जनता के बीच जाना है। वहीं, दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों के पास जनता को आकर्षित करने का कोई मुद्दा नहीं इसलिए वे सर उठाकर जनता के बीच जाने का साहस नहीं कर सकते हैं। आगे उन्होंने ने कहा कि नीतीश सरकार की नीतियों एवं उपलब्धियों को बताकर नए लोगों को पार्टी में जोड़ना है। साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष हमारी उपलब्धियों को नकारने की हिम्मत नहीं कर सकता है इसलिए झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में हो रही शिक्षकों की नियुक्ति का एकमात्र श्रेय श्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच को जाता है। लोगों को यह पता होना चाहिए कि बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय श्री नीतीश कुमार के निर्देशानुसार वर्ष 2021 के अगस्त माह में लिया गया था और हेडमास्टरों की नियुक्ति का पहला विज्ञापन वर्ष 2022 के मार्च महीने में जारी हुआ और उस दौरान बिहार में एनडीए की सरकार थी। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो काम किए हैं उसकी तुलना देशभर में किसी राज्य से नहीं हो सकती है। साथ ही नौकरी एवं रोजगार देने में नीतीश सरकार ने कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में पार्टी की निचली इकाइयों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है इसलिए हमें पंचायत और बूथ कमिटी को सशक्त बनाने पर खासा जोर देना है। साथ ही प्रचार-प्रसार के माध्यम से सरकार की उपलब्धियों को गांवों एवं टोलों तक पहुंचाना है। नीतीश सरकार की विकास योजनाओं का लाभ महिलाओं, युवाओं, नौजवानों एवं किसानों को हुआ है।