जद (यू0) प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 निहोरा प्रसाद यादव ने शराबबंदी को लेकर आरजेडी पर अनर्गल बयानबाजी का आरोप लगाया है। मीडिया में जारी एक बयान में उन्होंने आरजेडी पर जमकर निशाना साधा। पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि आरजेडी ने इलेक्टोरल बाॅन्ड की मदद से शराब कंपनियों से करोड़ों रुपए का चंदा लिया। उन्होंने कहा कि शराब कंपनियों ने आरजेडी को चंदे के तौर पर 46 करोड़ से ज्यादा की रकम दी जो कि, उनको मिले कुल चंदे का 63 फीसदी है। पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने आरजेडी पर तंज कसते हुए कहा कि दूसरों को शराबबंदी पर ज्ञान देने की बजाए आरजेडी को पहले ये बताना चाहिए कि, आखिर उसने कैसे शराब कंपनियों से करोड़ों का चंदा लिया जबकि वो जानती है बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है। उन्होंने आरजेडी से सवाल पूछते हुए कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि, आरजेडी ने शराब कंपनियों से चुनावी चंदे के बदले राज्य में शराब की तस्करी को बढ़ावा देने और शराबबंदी कानून को खत्म करने की डील की? उन्होंने कहा कि खुद आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने शराबबंदी खिलाफ बनाई गई मानव श्रृंखला में हिस्सा लिया था और बिहार में पूर्ण शराबबंदी का समर्थन किया था तो आखिर किस हैसियत से आरजेडी ने इलेक्टोरल बाॅन्ड के तौर पर शराब कंपनियों से करोड़ों रुपए का चंदा लिया?उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने साल 2016 में राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी और आज उसका बेहद सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि शराबबंदी कानून के लागू होने से ना केवल महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में कमी आई है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में बड़ पैमाने पर कमी आई है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के लागू होने से लोगों के स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ा है जिससे कई तरह की बीमारियों में कमी देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के लागू होने से इसका समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। आरजेडी को कथित तौर पर जहरीली शराब से होने वाली मौत पर राजनीतिक टीका-टिप्पणी करने से पहले एनसीआरबी का डाटा देखने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी के 1999 से लेकर साल 2005 के शासनकाल के दौरान जहरीली शराब से होने वाली मौत के आंकड़ों के मुताबिक पूरे देश में बिहार छठे स्थान पर था। उन्होंने कहा कि वहीं, नीतीश कुमार के शासनकाल में जब शराबबंदी लागू नहीं थी तब बिहार आठवें स्थान पर था और शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार 13 वें स्थान पर आ गया। उन्होंने आरजेडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि राबड़ी देवी के शासन काल में जहरीली शराब से 456 लोगों की मौत हुई थी। क्या इसकी जिम्मेदारी लालू प्रसाद लेंगे? राजद को यह स्पष्ट करना चाहिए।पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि समय-समय पर राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन कर उसे और समयानुकूल बनाने की कोशिश की है और कई स्तरों पर इसमें सुधार हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में शराब का अवैध कारोबार कर कोई भी बच नहीं सकता है और शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनसम्मत कार्रवाई की जा रही है।