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प्रोफेसर चंद्रशेखर के सवाल पर जीतनराम मांझी का जवाब, वे मंदिर में पूजा करने नहीं जाते,बल्कि..

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Desk- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री जीतनराम मांझी मंदिर और मस्जिद में पूजा एवं इबादत करने नहीं जाते हैं बल्कि वे लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए जाते हैं, ये बातें खुद जीतनराम मांझी ने बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के आरोपी के जवाब देते हुए कही है.

 बताते चलें कि  पूर्व शिक्षा मंत्री और आरजेडी विधायक चंद्रशेखर ने जीतन मांझी की तस्वीर हाथों में लेकर कहा, 'जो गंगा जल से धोकर पवित्र किया अब ये उन्हीं का जूठा उठा रहे हैं। अगर वो कहें कि हम भी अंबेडकर के दीवाने हैं तो समझिए ये पाखंडियों के बाप हैं। कहा जाता है कि जो कौम अपने पुरखों के अपमान को याद नहीं रखता है और जो अपमान का बदला नहीं ले सकता है, इसलिए अपने बच्चों को समझाएं तुम्हारे पुरखे आज भी अपमानित हैं.

 प्रोफेसर चंद्रशेखर के इस बयान के बाद एनडीए से जुड़े भाजपा और जदयू के नेताओं ने उन पर हमला बोला था, वहीं अब जीतन राम मांझी ने खुद पलटवार किया है. मीडिया कर्मियों के सवाल का जवाब देते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि चंद्रशेखर प्रोफेसर के साथ ही विद्वान आदमी हैं. अगर उनके दिमाग यह बात आई है कि हम गलत कर रहे हैं तो उसे सुधारने का काम करें या फिर स्पष्टीकरण दें. उन्होंने मुझे कहा ये बीजेपी के लोग हैं, तो क्या गलत लोग हैं? मांझी ने आगे कहा, "मैं कहता हूं कि मैं मंदिर-मस्जिद पूजा करने नहीं जाता हूं. आपके मन और प्रतिष्ठा को रखने के लिए जाता हूं ताकि आपकी भावना को ठेस न लगे. किसी की भावना का कदर करना कोई रूढ़िवादिता नहीं है. यह बात प्रोफेसर हैं, समझ लें."

 बताते चलें के केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी कह चुके हैं कि जब वे बिहार के मुख्यमंत्री थे और एक मंदिर गए थे तो उनके वहां से लौटने के बाद मंदिर को गंगाजल से धोया गया था, इसके साथ ही उन्होंने एक बार अपने बयान में अयोध्या के प्रभु राम को काल्पनिक पात्र कहा था, लेकिन बाद में बीजेपी के साथ आने के बाद वे बीजेपी के हिंदुत्व के लाइन को लगातार समर्थन करते नजर आ रहे हैं इसी को लेकर प्रोफेसर चंद्रशेखर ने उनको पाखंडियों का बाप की संज्ञा दी थी जिसके बाद जीतनराम मांझी ने सफाई देते हुए पलटवार किया है.

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