बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ (ऐक्टू) प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह ने बयान जारी कर बताया कि जीविका बिहार ने 02 सितम्बर 2024 को एक आदेश के जरिए राज्य के 1.5 लाख जीविका कैडरों के मानदेय भुगतान पर क्रमशः 2028 तक पूरी तरह रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया साथ ही मानदेय भुगतना का पूरा भार 46 हजार करोड़ के कर्ज में डूबे जीविका दीदियों पर डाल दिया। इस काला आदेश को पूरी तरह वापस लेने तथा अन्य 10 सूत्री मांगों जिसमे कैडरों को पहचान पत्र देने , 1.63 लाख जीविका समूह सहित सभी समूह का सारा कर्ज माफ करने जैसे प्रमुख मांग को लेकर राज्य में 3 महीने से जीविक कैडर व दीदियाँ आंदोलनरत रहते हुए हड़ताल पर है । उन्होंने बताया कि हड़ताल -आंदोलन के क्रम में संविधान दिवस के 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर कल दिनांक 26 नवंबर को विधान सभा के समक्ष जीविका कैडर व दीदियों का राज्यस्तरीय महाजुटान कार्यक्रम आहूत किया है। उन्होंने कहा कि जीविका कैडर का महाजुटान ऐतिहासिक होगा। जीविका मिशन द्वारा 2 सितम्बर को मानदेय रोक सम्बंधी जारी आदेश को पूरी तरह रदद् करने से कम हमे कुछ भी मंजूर नहीं है। महाजुटान की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है। महाजुटान में शामिल होने के लिए आज रात से जीविका कैडरों व दीदियों का जत्था अपने अपने जगह से पटना के लिए प्रस्थान कर गयी है ।