Katihar : कटिहार से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। कटिहार प्रखंड के मियाटोला हाजीपुर में कार्यरत शिक्षक सत्यजीत कुमार सिंह की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। लेकिन ये सिर्फ एक मेडिकल केस नहीं, बल्कि प्रशासनिक दबाव और कार्य के अत्यधिक बोझ का नतीजा बताया जा रहा है। परिजनों का आरोप है कि सत्यजीत कुमार सिंह बीएलओ सुपरवाइजर के रूप में बूथ संख्या 57 से 64 तक मतदाता सत्यापन के काम में तैनात थे। वो पिछले कई दिनों से प्रशासनिक दबाव और मानसिक तनाव झेल रहे थे। 28 जुलाई को ड्यूटी के दौरान ही उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में इलाज के लिए कोलकाता ले जाया गया। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उनका निधन हो गया।
परिवार वालों का साफ कहना है-
"ये मौत नहीं, एक सिस्टम की मार है। एक जिम्मेदार शिक्षक को इतना दबाव झेलना पड़ा कि उसकी जान चली गई।"
वहीं इस घटना के बाद बिहार शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष ने भी प्रशासनिक रवैये पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि, "शिक्षकों पर अतिरिक्त गैर-शैक्षणिक कार्य का इतना दबाव डाला जा रहा है कि उनकी जान पर बन आती है। सत्यजीत जी की मौत इसका जीता-जागता उदाहरण है। हम मांग करते हैं कि दोषियों पर कार्रवाई हो, मृतक शिक्षक के परिवार को मुआवजा मिले और शिक्षकों से गैर-शिक्षकीय कार्यों का दबाव हटाया जाए।"
अब सवाल यह है-
क्या एक शिक्षक सिर्फ शिक्षक नहीं रह गया?
क्या व्यवस्था इतने अमानवीय स्तर तक पहुंच चुकी है?
कटिहार की यह घटना पूरे बिहार के शिक्षकों के लिए एक चेतावनी है — और शासन-प्रशासन के लिए एक बड़ा सवाल।