Purnia : पूर्णिया शहर में कारगिल युद्ध विजय दिवस के 25वीं वर्षगांठ पर सेना कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के घर जाकर उनके परिजन को सम्मानित कर रही है। साथ ही उनकी समस्याएं सुनकर उसका भी समाधान कर रही है। पूर्णिया के शहीद रतन सिंह जो भागलपुर जिला के मूल निवासी थे। कारगिल युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान देकर देश की रक्षा शहीद रतन सिंह ने की थी। कारगिल से सूबेदार अमिताभ दास के नेतृत्व में सेना के अधिकारी राकेश ठाकुर, हवलदार रणजीत सिंह और हवलदार अजय मिश्रा पुर्णिया स्थित शहीद रतन सिंह के घर पर पहुंचे। जहां उन्होंने शहीद की पत्नी वीणा देवी, पुत्र रूपेश सिंह और मंजेश सिंह से मुलाकात की और उनका सेना की ओर से भेजा गया प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया।
इस दौरान सेना के अधिकारियों ने शहीद रतन सिंह के परिजनों से बात कर उनकी समस्याएं सुनीं और त्वरित समाधान का आश्वासन भी दिया। सूबेदार अमिताभ दास ने कहा कि, कारगिल विजय दिवस के 25वां सालगिरह के मौके पर भारतीय सेना अपने शहीद जवानों के घर जाकर उन्हें सम्मानित कर रही है और उनके सुख-दुख में भी हिस्सा ले रही है। वहीं शहीद की पत्नी वीणा देवी ने इससे बहुत बड़े गौरव का छन बताया। वहीं पुत्र रूपेश सिंह ने कहा कि, उन्हें अपने पिता शहीद रतन सिंह के शहादत पर गर्व है। आज सेना के अधिकारी कारगिल से चलकर उन लोगों को सम्मानित करने के लिए आए है। इसके अलावा जब भी कोई समस्या होती है तो वे लोग उनसे बात करते रहते हैं और तुरंत उसका समाधान भी कर देते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि, सरकार की ओर से शहीद के परिजन को पांच एकड़ जमीन दी गई थी। जिसमें भागलपुर में जो उन्हें 3 एकड़ जमीन मिला है। उस पर बाहुबलियों का अवैध कब्जा है। कई बार स्थानीय अंचल अधिकारी को कहने के बावजूद उस जमीन को कब्जा मुक्त नहीं कराया गया है।
पूर्णिया से रोहित कुमार की रिपोर्ट