पटना: कभी नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव में हराने वाले और राजद सुप्रीमो लालू यादव के सिपाही पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद विजय कृष्ण ने अब राजद और राजनीति दोनों से एक साथ किनारा कर लिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव को भेज दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में साफ साफ लिखा है कि उन्होंने अब दलगत और सक्रिय राजनीति से अलग होने का निर्णय लिया है। इस लिए वे राजद की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं।
पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद विजय कृष्ण का इस्तीफा लालू यादव के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। 1960 के दशक में सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाले राजपूत समाज के विजय कृष्ण 1977 में पहली बार जनता पार्टी में पहली बार बिहार महासचिव बने थे। 1990 और 1995 में जनता दल की टिकट पर वे बाढ़ से दो बार विधायक चुने गए और लालू यादव तथा राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री भी रहे। 1999 में वे नीतीश कुमार के सामने लोकसभा चुनाव में हार गए लेकिन 2004 में फिर उन्होंने नीतीश कुमार को हरा दिया था और लोकसभा पहुंचे थे।
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2009 लोकसभा चुनाव के दौरान वे राजद से अलग हो कर एक वर्ष के लिए नीतीश कुमार के साथ जदयू में भी आये थे लेकिन दुबारा 2010 में ही वे वापस राजद में चले गए। 2009 में एक हत्या मामले में आरोपी बनाये जाने के बाद कोर्ट ने 2013 में उनके साथ ही चार लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी जिसके बाद वे जेल चले गए। करीब 10 वर्षों तक जेल में रहने के बाद 2022 में उन्हें रिहा किया गया। इसके बाद वे राजद में सक्रिय थे लेकिन अब उन्होंने राजद और राजनीति दोनों से किनारा कर लिया है।
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