पटना:बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले विभिन्न मांगों को लेकर अलग अलग वर्ग के लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार के समक्ष अपनी मांग रख रहे हैं। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की TRE-4 परीक्षा की घोषणा करने के बाद पहले अभ्यर्थियों ने STET परीक्षा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया तो इसके साथ बिहार में सरकारी नौकरी में डोमिसाइल नीति की मांग को लेकर भी विरोध प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों की इन दोनों मांगों को जब सरकार ने मान लिया तो अब लाइब्रेरियन के पद पर बहाली की मांग उठने लगी है।
शनिवार को लाइब्रेरियन पद के अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि बिहार में आचार संहिता के लागू होने से पहले LET परीक्षा के लिए विज्ञापन तिथि समेत घोषित की जाये। मामले में जब हमारे संवाददाता ने अभ्यर्थियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि बिहार बिहार में 2008 के बाद से अब तक लाइब्रेरियन के पद पर बहाली नहीं की गई है। हमलोग जब भी अपनी मांग रखते हैं तो हमें आश्वासन दिया जाता है कि जल्दी ही विज्ञापन जारी किया जायेगा लेकिन वह जल्दी आ नहीं रहा। अभ्यर्थियों ने कहा कि हमारी मांगों पर सरकार की तरफ से करीब तीन महीने पहले घोषणा की गई थी कि अगले महीने ही लाइब्रेरियन के खाली पदों पर बहाली की जाएगी लेकिन वह अगला महीना कब आएगा उसका कोई पता नहीं है।
यह भी पढ़ें - बिहार में 20 वर्षों में मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ी 7 गुना, अभी राज्य में संचालित हो रहे...
अभ्यर्थियों ने एक तरफ सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भरोसा भी जताया और कहा कि नीतीश सरकार हर क्षेत्र में बहाली की जा रही है लेकिन लाइब्रेरियन के खाली पदों पर बहाली नहीं किया जाना हमलोगों के साथ अन्याय है। बिहार में करीब 5 लाख लाइब्रेरियन पद के अभ्यर्थी हैं जिनकी उम्र इस आस में निकली जा रही है कि अब सरकार उनकी तरफ ध्यान देगी लेकिन ऐसा लग रहा है कि उनके लिए बहाली होगी ही नहीं। अभ्यर्थियों ने मांग की कि अगर विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले तिथि सहित लाइब्रेरियन के खाली पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन जारी नहीं किया जाता है तो फिर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।
यह भी पढ़ें - हे मंगलराज वाले! तेजस्वी ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को घेरा, कहा 'संघी ट्यूशन...'
पटना से कुमार मनीष की रिपोर्ट