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मन की बात मन में रहने दीजिए, 5 सितंबर को उपेंद्र कुशवाहा करेंगे पटना में रैली, बिहार चुनाव पर...

पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने प्रेसवार्ता कर आगामी 5 सितंबर को पटना में रैली की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सरकार नहीं रोकती तो आज बिहार में 60....

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मन की बात मन में रहने दीजिए, 5 सितंबर को उपेंद्र कुशवाहा करेंगे पटना में रैली, बिहार चुनाव पर...- फोटो : Darsh News

पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बुधवार को राजधानी पटना में एक प्रेस वार्ता किया। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने आगामी 5 सितंबर को पटना में आयोजित रैली की जानकारी दी तथा एक तरफ बिहार में किये गए जातिय गणना के साथ ही अगले वर्ष होने वाली जनगणना की चर्चा की तो दूसरी तरफ उन्होंने बिहार चुनाव को लेकर भी कई बातें की। इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने प्रेस वार्ता की शुरुआत करते हुए कहा कि जैसा कि हमारी पार्टी पूरे बिहार संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार अभियान चला रही है।

 इस अभियान के तहत हम बिहार के अलग अलग हिस्सों में जिलों का ग्रुप बना कर रैली करने का फैसला लिया गया जिसकी शुरुआत हमने शाहाबाद से की। उन्होंने कहा कि अब बिहार विधानसभा चुनाव का समय बहुत करीब हो गया है इसलिए अब हम आगामी 5 सितंबर को राजधानी पटना के मिलर हाई स्कूल के मैदान में एक राज्यस्तरीय रैली कर रहे हैं। रैली की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और सभी जिलों से भारी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचने वाले हैं। हमारी तैयारी के अनुसार यह रैली अभूतपूर्व होगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सिर्फ हंगामा कर राजनीतिक अभियान चला कर अपने राजनीतिक मकसद पूरा करने की कोशिश नहीं करते हैं बल्कि हम जनता के सवालों को उठाते हैं। 

इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व में आयोजित वोटर अधिकार यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि महागठबंधन की एक प्रायोजित यात्रा अभी खत्म हुई है जिसका नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे थे। हमने उस यात्रा को देखा और उससे पता चलता है कि वह यात्रा सिर्फ हंगामा खड़ा करने के लिए की गई थी न कि जनता के मुद्दों को उठाने के लिए। उन्होंने कहा कि हमारा यह मुद्दा बिहार चुनाव से संबंधित नहीं है बल्कि बिहार के साथ पिछले 50 वर्षों से हो रहे अन्याय के खिलाफ है। यह राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा है। पिछले 50 वर्षों से परिसीमन नहीं किया गया है, अगर यह किया जाता तो अभी बिहार में जो 40 लोकसभा सीट है वह बढ़ कर 60 हो गई होती। इसके नहीं होने से हमारा बहुत बड़ा नुकसान है।

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 यह संवैधानिक प्रक्रिया है जो आजादी के बाद से चल भी रहा था लेकिन कांग्रेस की सरकार के दौर में इसे बंद किया गया और इसकी वजह से हमलोगों का हक मारा जा रहा है। हम उस अन्याय के खिलाफ खड़े हैं और बिहार चुनाव के बाद हमारा यह अभियान जारी रहेगा। इस दौरान पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जनगणना की घोषणा हो चुकी है। कोरोना महामारी की वजह से यह समय से नहीं की जा सकी लेकिन अगले वर्ष इसे कराया जायेगा। अब अगले जनगणना के बाद नया परिसीमन तय किया जाये। 

बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर जब उपेंद्र कुशवाहा से पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि बैठक भाजपा की है तो उससे हमलोगों को कोई मतलब नहीं है। इस दौरान उनसे बिहार चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे मन की बात मन में है वह आपको नहीं बताएँगे। वहीं मंत्री श्रवण कुमार के जदयू के बड़े भाई की भूमिका रहने के बयान को टालते हुए उन्होंने कहा कि अगर वह कह रहे हैं तो हम क्या ही प्रतिक्रिया दें, इस पर जब बातचीत होगी तब सारा कुछ फाइनल हो जायेगा।

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पटना से कुमार मनीष की रिपोर्ट

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