जहानाबाद: जहानाबाद के घोषी विधानसभा क्षेत्र में विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इन वादों से मेल नहीं खाते। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है काको प्रखंड के नदियांवा गांव के पास दरधा नदी पर बना पुल, जो बीते आठ वर्षों से अधूरा पड़ा है। करीब सात करोड़ रुपये की लागत से इस पुल का निर्माण कराया गया था। उद्देश्य था एनएच 110 से नदियांवा होते हुए सैदाबाद पंचायत तक ग्रामीणों की आसान पहुंच सुनिश्चित करना। लोगों को उम्मीद थी कि इस पुल से न सिर्फ आवागमन आसान होगा बल्कि क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति मिलेगी। लेकिन हकीकत यह है कि एप्रोच पथ आज तक तैयार नहीं हो पाया। स्थिति यह है कि इस पुल पर साइकिल के अलावा अन्य वाहनों का चलना लगभग असंभव है।
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ग्रामीणों के लिए यह पुल सहूलियत नहीं बल्कि उपेक्षा का प्रतीक बनकर खड़ा है। बीते आठ सालों में घोषी विधानसभा से सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने प्रतिनिधित्व किया, विधायक बदले, नेता बदले, लेकिन नदियांवा गांव की समस्या जस की तस बनी रही। चुनावी मंचों और सरकारी रिपोर्टों में इस अधूरे पुल को उपलब्धि के तौर पर गिनाया गया, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक एप्रोच पथ नहीं बनेगा, यह पुल उनके किसी काम का नहीं है। जब इस मामले में डीएम अलंकृता पांडे ने बताया कि यह पुल पथ निर्माण विभाग द्वारा बनवाया गया था। उन्होंने कहा कि एप्रोच पथ अब तक क्यों नहीं बना, इसकी जांच कराई जा रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी।
जहानाबाद से पवन कुमार की रिपोर्ट