Desk:- उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में आज से महाकुंभ शुरू हो गया है, आज पहला शाही स्नान है, और पहले ही दिन श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान के लिए उमड़ी है. इनमें ऐसे श्रद्धालु भी हैं, जो कल्पवासी हैं, यानी वे यहां रहकर महीने भर स्नान करेंगे. भारत के विभिन्न राज्यों के साथ ही विदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालू आये हुए हैं, वहीं यहां आने वाले अधिकांश श्रद्धालू महाकुम्भ को लेकर किए गए इंतजाम की तारीफ कर रहे हैं.
बताते चलें कि 12 बार कुम्भ मेला के बाद एक बार महाकुम्भ लगता है. इस महाकुम्भ का आयोजन तिथि के अनुसार नही मनाया जाता है बल्कि यह मेला खगोलीय ग्रहों के चाल के अनुसार इसका दिन और तिथि का रखा जाता है. देवगुरु वृहस्पति और सूर्य की स्थति पर निर्भर करता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब वृहस्पति वृष राशि में रहते है और शनि कुम्भ राशि में ,सूर्य मकर राशि हो तब महाकुम्भ लगता है मेले में स्नान दान का विशेष महत्व है.
महाकुम्भ मेले का आरंभ आज 13 जनवरी 2025 दिन सोमवार से हो चुका है और इसका समापन 26 फरवरी 2025 महाशिवरात्रि के दिन होगा.इस बार कुम्भ मेला 144 वर्ष के बाद एक शुभ संयोग में मनाया जा रहा शनि अच्छे स्थति में है