भाकपा-माले के बैनर तले बुधवार को पटना में अतिक्रमणकारियों, फुटपाथ दुकानदारों एवं स्लम बस्तियों की झोपड़ियों को प्रशासन द्वारा उजाड़ने की कार्रवाइयों के खिलाफ पटना जिलाधिकारी कार्यालय का आक्रोशपूर्ण घेराव किया गया।प्रदर्शन का नेतृत्व विधानपरिषद सदस्य शशि यादव, सरोज चैबे, पटना महानगर सचिव अभ्युदय, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार, ऐपवा की राज्य सचिव अनिता सिन्हा, विनय कुमार, मुर्तुजा अली, फुटपाथ दुकानदारों के नेता शाहजादे आलम, सत्येंद्र शर्मा, विभा गुप्ता, जितेंद्र कुमार, तपेश्वर मांझी आदि नेताओं ने किया।प्रदर्शनकारी छज्जूबाग से अपनी मांगों की तख्तियों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचे थे. विधान पार्षद शशि यादव सहित सभी नेता घेराव करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए।बाद में एक प्रतिनिधमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात की. जिलाधिकारी महोदय ने मामले में गंभीरता दिखलाते हुए सभी मसलों पर सकारात्मक पहल के आश्वासन के बाद घेराव समाप्त किया गया।शशि यादव ने कहा कि जिलाधिकारी के आवासन के बाद आज का घेराव खत्म हो रहा है. लेकिन प्रशासन यह समझ ले, कि गरीबों व फुटपाथ दुकानदारों के जीविका और आवास के संवैधानिक अधिकारों पर हमला हम बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर पर दिए गए सख्त निर्देश के बावजूद गरीबों की झोपड़ियां तोडी़ जा रही हैं. नीतीश कुमार कहते हैं कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए किसी की झोपड़ी नहीं तोड़ी जाएगी लेकिन आज सत्ता की नाक के ठीक नीचे ही यह सब हो रहा है. भाजपा-जदयू सरकार आज तक एक शहरी गरीब को काॅलनी हाउस बनाकर नहीं दे सकी. जरूर उनका प्रशासन ठंड के मौसम में भी गरीबों की झोपड़ियां तोड़ने में कोई परहेज नहीं करता. डबल इंजन की तथाकथित बीस बरसों की सरकार घोर गरीब विरोधी सरकार साबित हुई है. इसके खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया जाएगा.फुटपाथ दुकानदारों के नेता का. शाहजादे ने कहा कि फुटपाथ दुकानदारों को कानूनी अधिकार है कि वे अपनी जीविका के लिए सड़क किनारे रोजगार कर सकते हैं. ऐसा वेंडिंग एक्ट सरकार ने ही बनाया है. हम लोगों के नाम पहचान पत्र भी बना हुआ है. बावजूद, अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन हमें हमेशा परेशान करता है. जब मर्जी होती है पुलिस हमारी दुकानों को तहस-नहस कर देती है, गाली-गलौज करती है, यहां तक कि हमारी जमा पूंजी भी लूट लेती है. यह कहां का न्याय है? हम इस अन्याय के खिलाफ आज यहां एकत्रित हुए हैं. कानून द्वारा हासिल अधिकारों पर हमला किसी भी सूरत में नहीं सहेंगे.