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9 मार्च को आयोजित ‘बदलो बिहार महाजुटान: दीपंकर भट्टाचार्य

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माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने आज पटना में नागरिक समाज और विभिन्न आंदोलनकारी ताकतों की ओर से आयोजित ‘बदलो बिहार समागम’ को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा दरअसल दमन यात्रा है. कोई मुख्यमंत्री को ज्ञापन न दे सके, उनतक पहंुच न सके इसके लिए चरम दमन किया जा रहा है. एक ओर बिहार को बदल देने का संघर्ष है, दूसरी ओर किसी तरह सत्ता बचाने का दमन अभियान है.

उन्होंने कहा कि बदलो बिहार समागम में आज अलग-अलग मुद्दे पर आंदोलित ताकतें एकजुट हुई हैं. लेकिन सुरक्षा और सम्मान के साथ जीने का एजेंडा सबका है. सबलोग बिहार में बदलाव चाहते हैं, लेकिन असल सवाल यह है कि किस दिशा में यह बदलाव होगा? कुछ लोग कहते हैं कि 35 सालों में बिहार बरबाद हो गया, तो क्या 90 के पहले बिहार बहुत अच्छा था? क्या वे बिहार को उसी सामंती दौर में ले जाना चाहते हैं? नहीं, बिहार आगे बढ़ेगा पीछे नहीं लौटेगा।नीतीश जी जब सत्ता में आए अच्छे नारे लेकर आए. लेकिन सवाल अब यह है कि न्याय और विकास का आज हाल क्या है? सरकार ने जो सामाजिक-आर्थिक सर्व कराया उसने बताया कि 20 साल में गरीबी का चरम विकास हुआ है. 94 लाख परिवार 6000 रु. से कम मासिक पर जिंदा है. यह कैसा विकास है? केरल में रसोइयों को 12000 रु. मासिक मिलता है, तमिलनाडु में 10000 रु. लेकिन बिहार में महज 1650 रु. मिलता है. यह कैसा न्याय है? बहुत सारी लड़ाइयां चल रही हैं लेकिन पहली जरूरत इस सरकार को सत्ता से बेदखल करना होगा। अपने वाजिब सवालों को लेकर लंबी लड़ाई लड़नी है. यदि जनता की कोई बात सुनी नहीं जाएगी, उनके दुख दर्द को नहीं सुना जाएगा तो ऐसी लाठी-गोली की सरकार और तानाशाही को बिहार बर्दाश्त नहीं करेगा।उन्होंने कहा समागम से संकल्प लेना है कि 9 मार्च को पटना के गांधी मैदान में आयोजित बदलो बिहार महाजुटान को सभी आंदोलनों का साझा मंच बना देना है, उसे ऐतिहासिक बना देना है।

समागम को विभिन्न समाज के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया और बिहार में बदलाव का संकल्प लिया. पालीगंज विधायक संदीप सौरभ, नेता विधायक दल महबूब आलम, एमएलसी शशि यादव, चर्चित चिकित्सक डाॅ. सत्यजीत, दलित अधिकार मंच के कपीलेश्वर राम, मोमिन फ्रंट के महबूब आलम, बिहार राब्ता कमिटी के अफजल हुसैन, शिक्षक सतीश कुमार, एआइपीएफ के कमलेश शर्मा, इंसाफ मंच के गालिब, फुटपाथ दुकानदारों के नेता शहजादे आलम, जस्टिस डेमोक्रेटिक फोरम में पंकज श्वेताभ, सेक्युलर सेवा मंच के कौसर खान सहित आशा, रसोइया व स्कीम वर्कर्स संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया. 


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