स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि भारत रत्न से सम्मानित जननायक कर्पूरी ठाकुर के सच्चे अनुयायी बनने की होड़ में राजद किसी से पीछे नहीं रहना चाहता है, जबकि हकीकत है कि कर्पूरी जी के जीवनकाल में भी राजद प्रमुख लालू प्रसाद उन्हें अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। आज भ्रष्टाचार, वंशवाद व परिवारवाद के प्रतीक राजद का कर्पूरी जी के नाम पर राजनीति करना हास्यास्पद है।
श्री पांडेय ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों के मसीहा जननायक कर्पूरी को विगत साल भारत रत्न से सम्मानित कर जहां बिहार का मान बढ़ाया वहीं लालू प्रसाद ने कभी उन्हें सरकारी आवास से विधान सभा आने के लिए अपनी जीप देने से मना कर दिया था। आज उन्हीं की पार्टी अपनी राजनीति के लिए कर्पूरी जी का नाम रटते नहीं थकती है।आगे उन्होंने कहा कि जब कर्पूरी नेता प्रतिपक्ष थे तो बिहार विधान सभा के तत्कालीन उपाध्यक्ष शिवनन्दन पासवान ने एक नोट लिख कर कहा- लालू भाई, कर्पूरी अभी सदन में आने वाले हैं। मुझे ही लाने जाना था। मै तो नहीं जा सकूंगा। कृपया बुलवा लें। इसके जवाब में लालू प्रसाद ने लिखा मेरी जीप में तेल नहीं है वो तो आवश्यक समझने पर रिक्शे से चले आयेंगे। दो बार मुख्यमंत्री रहे गाड़ी क्यों नहीं खरीदते हैं? तब लालू प्रसाद यादव सोनपुर से विधायक थे, उनके पास एक जीप थी, जिसे कर्पूरी जी को देने से उन्होंने न केवल इनकार किया बल्कि उनपर तंज भी कसा कि दो बार मुख्यमंत्री रहे गाड़ी क्यों नहीं खरीद लेते। दरअसल कर्पूरी जी सादगी, ईमानदारी की प्रतिमूर्ति थे। राजनीति उनके लिए जनसेवा का जरिया थी लालू यादव की तरह भ्रष्टाचार से अकूत नामी- बेमामी सम्पत्तियों का अम्बार खड़ा करने का माध्यम नहीं।