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किसानों तक त्वरित सूचना पहुंचाने के लिए बिहार कृषि रेडियो की हुई शुरुआत: मंगल पांडेय

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सूबे के कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने  कृषि भवन, मीठापुर में बिहार कृषि रेडियो का उ‌द्घाटन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संजय कुमार अग्रवाल, सचिव कृषि विभाग, बिहार द्वारा की गई। कृषि मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि कृषि भवन मीठापुर में बिहार कृषि रेडियो की स्थापना की गई है। इस पहल से किसानों को खेती-बाड़ी की समसमायिक सूचना, मौसम की जानकारी किसानों के साथ संवाद करने के लिए बिहार कृषि रेडियो की शुरूआत की जा रही है। 

         श्री पांडेय ने कहा कि बिहार कृषि रेडियो आधुनिक तकनीक और अत्याधुनिक प्रसारण उपकरणों से सुसज्जित है। यहाँ ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग और संपादन की उन्नत सुविधाएँ उपलब्ध हैं जो राज्य के किसानों को सूचना और ज्ञान के क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि किसानों तक त्वरित सूचना पहुँचाने के लिए बिहार कृषि रेडियों की शुरुआत की गई है। यह एक डिजिटल रेडियो सेवा है, जिसे प्लेस्टोर और ऐप स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। यह एप्लीकेशन बिहार के किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जो कृषि संबंधी सलाह और सरकारी योजनाओं की जानकारी को त्वरित और प्रभावशाली तरीके से उपलब्ध कराएगा। बिहार कृषि रेडियो ऐप पर लाइव स्ट्रीमिंग के साथ-साथ ऑडियो और वीडियो कटेण्ट पॉडकास्ट के रूप में भी उपलब्ध रहेगा। किसान इन सामग्रियों को किसी भी समय, कहीं से भी देख और सुन सकेंगे। यह सेवा न केवल स्मार्ट फोन पर, बल्कि विभाग के आधिकारिक वेबसाइटों और लोकप्रिय प्लेटफॉर्म 'रेडियो गार्डन' पर भी लाइव सुनी जा सकेगी।  रेडियो बीते कई दशकों से किसानों और ग्रामीण समुदायों के लिए सबसे विश्वसनीय और प्रभावी माध्यम धना हुआ है। खेतों में काम करते हुए रेडियो पर कार्यक्रम सुनने का अनुभव आज भी बेहद उपयोगी और सहज है। डिजिटल युग में भी रेडियो ने खुद को नए स्वरूपो-डिजिटल रेडियो और पॉडकास्ट सेवाओं में ढालते हुए लोकप्रियता बनाए रखी है। बिहार कृषि रेडियो इस डिजिटल युग में किसानों के हाथों में सूचना का एक सुलभ माध्यम के रूप में उपलब्ध होगा।

       इस अवसर पर कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि बिहार कृषि रेडियो बहुत ही कम डेटा खपत के साथ लगभग सभी स्मार्टफोन पर सुचारु रूप से काम करेगा। यह सिर्फ एकतरफा संचार माध्यम न होकर किसानों के फीडबैक को भी रिकॉर्ड कर प्रसारण केंद्र तक पहुँचाएगा। इससे कार्यक्रमों को ओताओं की जरूरतों और सुझावों के अनुसार और अधिक उपयोगी बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि वाट्सऐप के माध्यम से भी किसानों को डाउनलोड लिंक भेजा जायेगा।  आने वाले दिनों में रोस्टर के अनुसार आत्मा और कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से जिलावार किसानों के साथ संवाद करने की व्यवस्था की जाएगी।

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