पटना: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी इन दिनों अपने बयान की वजह से लगातार चर्चा में बने हुए हैं। बीते दिनों अपने उम्मीदवार को जितवाने के बयान के बाद अब उन्होंने अपने दिल के दर्द को बयां किया और अपने बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन को राज्यसभा सीट की मांग करने की नसीहत दी। जीतन राम मांझी के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बयान से अब बिहार में सियासी घमासान मचने लगा है। इसके साथ ही उन्होंने विधायकों के द्वारा काम देने के बदले में कमीशन लेने की बात कही। उनके बयान के बाद अब विपक्षी पार्टियों ने भी NDA पर हमला करना शुरू कर दिया है।
इस मामले में राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि NDA ने अभी हाल में 202 सीटें हासिल की है फिर भी सीट को लेकर इतनी बेचैनी क्यों है। उन्होंने अपने बेटे को भी नसीहत दी है कि मंत्री पद से इस्तीफा दे दो और खुद भी सडकों पर आने की बात कह रहे हैं। अब वे दबाव की राजनीति करेंगे या क्या करेंगे। भाजपा के राजनीतिक कोड़े बहुत मजबूत है और जब वह सहयोगियों पर बरसता है तो सहयोगी उह से आह भी नहीं कर पाता है। NDA के अंदर 202 सीट के बावजूद पीड़ा है। सभी सहयोगी दलों के बीच चिंता जरुर है कि कब कौन सी पार्टी किसे लील लेगी यह पता नहीं है। फ़िलहाल मांझी जी का क्या निर्णय होगा यह तो आने वाले समय में पता चलेगा लेकिन यह साफ है कि पीड़ा है।
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वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि जीतन राम मांझी NDA के एक मजबूत सहयोगी हैं और वह हम सब के अभिभावक भी हैं। ठीक है उनके मन में कुछ पीड़ा हो सकती है लेकिन वे हमेशा ही NDA के प्रति समर्पित रहे हैं और आगे भी वह गठबंधन को मजबूती प्रदान करते रहेंगे। वहीं विधायक और सांसद के द्वारा कमीशन लेने के संबंध में बात करते हुए दिलीप जायसवाल ने कहा कि आखिर मांझी यह बात तो मुझे नहीं पता है। हां, जब वह मिलेंगे तो हम उनसे यह जरुर पूछेंगे कि क्या कहना चाह रहे हैं।
इसके साथ ही जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि ये बात पिता पुत्र के बीच का संवाद है। मैंने वीडियो देखा है उसमें दोनों पिता पुत्र हैं साथ ही उनकी पार्टी के विधायक भी मौजूद हैं। तो वे लोग आपस में बातचीत कर रहे हैं इससे कोई दिक्कत नहीं है। वे NDA के एक मजबूत सहयोगी हैं, खुद केंद्र में मंत्री हैं, उनके बेटे बिहार सरकार में मंत्री हैं। मैं समझता हूं कि उनके अंदर कोई नाराजगी नहीं है। पिता पुत्र का संवाद है इसे तूल नहीं देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने विधायकों के द्वारा कमीशन लिए जाने को लेकर नीरज कुमार ने कहा कि विधायक और सांसद के फंड में पहले से बहुत कम राशि होती है, तो कोई कमीशन कैसे ले पायेगा। मेरी तो अभी तक बोहनी तक नहीं हुई है, और न ही मुझे यह टेक्निक मालूम है। अब जिसने यह बात कही है वह ही इस मामले में पूरी बात बता सकते हैं।
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