Join Us On WhatsApp

मांझी ने दिनकर की कविता को बनाया हथियार, सोशल मीडिया पर लिखा '...परिजन पर असी न उठाएंगे..'

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर NDA में सब कुछ ठीक नहीं है. चिराग और मांझी लगातार अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और मानने को तैयार नहीं हैं. हालाँकि NDA के नेता ऑल इज वेल का दावा जरुर करते हुए दिखाई दे रहे हैं

Manjhi used Dinkar's poem as a weapon.
मांझी ने दिनकर की कविता को बनाया हथियार, सोशल मीडिया पर लिखा '...परिजन पर असी न उठाएंगे..'- फोटो : Darsh News

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर NDA में सबकुछ ठीक नहीं दिख रहा है। एक तरफ केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान अपने तल्ख तेवर दिखा रहे हैं तो दूसरी तरफ झुकने के लिए जीतन राम मांझी भी तैयार नहीं दिख रहे हैं। लगातार चल रही बैठकों और सीट शेयरिंग पर चो रही बातों के बाद अब केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का सहारा लिया है। जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया पर दिनकर के एक कविता की कुछ पक्तियां लिखते हुए पांडव की तरफ से कौरवों के सामने श्री कृष्ण के संवाद की तरह लिखा है कि 'हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, HAM वही ख़ुशी से खाएंगें, परिजन पे असी ना उठाएँगे।' 

बता दें कि जीतनराम मांझी लंबे समय से कहते आ रहे हैं कि उनकी पार्टी के निबंधन का दस वर्ष हो गया लेकिन अब तक मान्यता नहीं मिल सकी है। मान्यता प्राप्त दल होने के लिए उनके पास कम से 7-8 विधायक होने चाहिए और इतने विधायक के लिए उन्हें कम से कम 15 सीटें चाहिए। पहले उन्होंने दावा किया था कि अगर उन्हें NDA में 15 सीटें नहीं मिली तो फिर वे अकेले ही 50 से 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे लेकिन फिर कल ही उन्होंने कहा कि अगर उन्हें 15 सीटें नहीं मिली तो फिर वे विधानसभा चुनाव में एक भी सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। उन्होंने कहा कि मैं NDA में ही बना रहूँगा लेकिन विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगा। जीतन राम मांझी ने एक निजी न्यूज़ एजेंसी बात करते हुए यह भी कहा था कि उन्हें लोकसभा में 2 से तीन सीटें और राज्यसभा की सीट मिलने का भी आश्वासन दिया गया था लेकिन नहीं मिला तो अब कम से कम विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को मान्यता दिलाने के लिए इतना तो मिलना ही चाहिए।

बता दें कि उधर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी 30 से 40 सीट और एक उप मुख्यमंत्री पद की मांग पर अड़े हुए हैं। हालाँकि भाजपा ने चिराग को 22 से 25 सीट और मांझी को 8 सीट का ऑफर दिया है लेकिन दोनों ही नेता मानने को तैयार नहीं हैं। चिराग पासवान ने भी बुधवार को सोशल मीडिया के जरिये अड़े रहने और लड़ते रहने के संकेत दिए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि 'पापा हमेशा कहा करते थे — "जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत। जीना है तो मरना सीखो, कदम-कदम पर लड़ना सीखो।' मांझी-चिराग को मनाना NDA के लिए सरदर्द बना हुआ है और इसे लेकर भाजपा के नेता लगातार बैठकें कर रहे हैं। हालाँकि NDA के वरीय नेता अभी भी सब कुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मांझी और चिराग के नाराज होने की बात से इंकार करते हुए कहा कि सब कुछ ठीक है और हमारे सभी सहयोगी दल एकजुट हो कर चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं। जल्द ही सीट शेयरिंग की बात सबके सामने साझा कर दी जाएगी।

Scan and join

darsh news whats app qr
Join Us On WhatsApp