मनोज भावुक को पाती अक्षर सम्मान। ‘विश्व भोजपुरी सम्मेलन’ व ‘पाती रचना मंच’ की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित 13वें अधिवेशन में भोजपुरी के प्रख्यात साहित्यकार, संपादक, कवि, फिल्म गीतकार, टीवी प्रस्तोता व भोजपुरी सिनेमा के इतिहासकार मनोज भावुक को वर्ष 2025 के ‘ पाती अक्षर सम्मान ‘ से सम्मानित किया गया।
बलिया (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के बलिया में आयोजित समारोह में प्रख्यात साहित्यकार, संपादक, कवि, फिल्म गीतकार, टीवी प्रस्तोता व भोजपुरी सिनेमा के इतिहासकार मनोज भावुक को साहित्यकार प्रो सदानंद शाही और पाती पत्रिका के संपादक डॉ अशोक द्विवेदी ने सम्मानित किया। मनोज भावुक को यह सम्मान भोजपुरी साहित्य व सिनेमा में उनके विशिष्ट अवदान व पूरे विश्व में भोजपुरी के प्रचार-प्रसार के लिए दिया गया। सम्मान में प्रशस्ति पत्र, अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह और पुरस्कार राशि प्रदान की गई
इस अवसर पर वर्ष 2025 के लिए गिरिडीह पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ बलभद्र और कवि मिथिलेश गहमरी व गत वर्ष के लिए लंगट सिंह कॉलेज के भोजपुरी विभागाध्यक्ष डॉ जयकांत सिंह 'जय' को भी ‘पाती अक्षर सम्मान‘ से नवाज़ा गया।
विदित है कि मनोज भावुक युगांडा और लंदन में रहते हुए भोजपुरी में लिखते रहे और अंततः विदेश की इंजीनियर की नौकरी छोड़कर अपने को पूरी तरह से भोजपुरी के लिए समर्पित कर दिया। आज भोजपुरी साहित्य, सिनेमा, संगीत, टेलीविजन, ओटीटी, ब्लॉगिंग, संपादन, पत्रकारिता, और भोजपुरी के वैश्विक प्रचार-प्रसार में मनोज भावुक एक समर्पित व स्थापित नाम है। मनोज भोजपुरी साहित्य की गौरवशाली विरासत को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
इस मौक़े पर कवि मनोज भावुक ने कहा कि सम्मान माने भरोसा, भरोसा खातिर आभार। सम्मान माने जिम्मेदारी त जेतना सँपरी, जेतना औकात बा, कोशिश करब।"