पटना: बड़ी खबर राजधानी पटना के मोकामा विधानसभा क्षेत्र से है जहां पुलिस ने देर रात एक बड़ी कार्रवाई की है। दुलारचंद यादव हत्याकांड में पुलिस और CID की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह को देर रात उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया है। मामले की पुष्टि पटना के एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने की।
एसएसपी ने बताया कि मामले में तीन FIR दर्ज की गई है। इसके साथ ही हमलोग भी छानबीन कर रहे हैं। दर्ज FIR और लोगो के बयानों में काफी अंतर है इसलिए हमने वहां से प्राप्त वीडियो के आधार पर छानबीन कर रहे हैं और उसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। एसएसपी ने बताया कि पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह के साथ ही दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है।
फिलहाल अनंत सिंह को कहां रखा गया है इसकी जानकारी एसएसपी ने नहीं दी और कहा कि सुरक्षा के कारणों से हम यह नहीं बता सकते हैं। उन्हें स- समय कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा और कोर्ट के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने हत्याकांड में अनंत सिंह की संलिप्तता के सवाल पर कहा कि यह अनुसंधान का विषय है और अभी जांच की जा रही है। प्रथमदृष्टया यह पता चल रहा है कि दोनों प्रत्याशियों का काफिला जब आमने सामने एक जगह हुआ तभी यह झड़प शुरू हुई और इतनी बड़ी घटना घट गई।
एसएसपी के नेतृत्व में हुई गिरफ्तारी
पटना के एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने बताया कि उनके नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई है। अनंत सिंह के साथ ही उनके साथी मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी गिरफ्तार किया गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह के सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है कि 'सत्यमेव जयते'। अब हमारी लड़ाई मोकामा की जनता लड़ेगी। मुझे अपनी जनता पर पूरा भरोसा है। वहीं जन सुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी ने कहा कि घटना के बाद अनंत सिंह अपने काफिले के साथ चुनाव प्रचार में घूम रहे थे।।प्रशासन को इन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लेना चाहिए था, हालांकि देर आए लेकिन दुरुस्त आए।
बता दें कि जन सुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या बीते दिन चुनाव प्रचार के दौरान झड़प में कर दी गई थी। हत्या के बाद से ही इलाके में माहौल गर्म है जबकि राजनीति भी खूब हो रही है। विपक्ष सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग पर भी सवाल खड़े कर रहा है। वहीं बीती शाम चुनाव आयोग ने चार अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई करते हुए उनका ट्रांसफर कर दिया है।