गाजीपुर (उप्र): तीन दिवसीय गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का मुख्य आकर्षण था- बहुभाषी कवि सम्मेलन 'काव्य गंगा' जिसमें स्थानीय कवियों के साथ अंतरराष्ट्रीय कवियों ने भी काव्य-पाठ किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वयोवृद्ध कवि विनय राय बबुरंग और सशक्त संचालन सुप्रसिद्ध कवि मनोज भावुक ने की। देश-विदेश में लोकप्रिय शायर अज़हर इक़बाल और नोमान शौक़ के अलावा कवियित्री सुमन सिंह, रति सक्सेना, स्थानीय कवि डॉ एम डी सिंह व हिमांशु उपाध्याय के काव्य-पाठ से नंद रेजिडेंसी में खचाखच भरा सभागार भींग गया। ख़ास कर मशहूर शायर अजहर इकबाल की रोमांटिक शायरी और भोजपुरी साहित्य के लोकप्रिय कवि मनोज भावुक की भावुक प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मनोज भावुक ने अपनी चर्चित रचनाओं “खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो” जैसी कविताओं से समाज में स्त्री के प्रति दृष्टिकोण पर गहरा संदेश दिया। उन्होंने भोजपुरी भाषा के वैश्विक प्रचार-प्रसार की दिशा में अपने योगदान से दर्शकों का मन जीत लिया।
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फेस्टिवल की शुरुआत वाराणसी में हुई और समापन गाजीपुर में। ‘जड़ों की ओर’ थीम के साथ सांस्कृतिक चेतना का संचार करने वाले इस तीन दिवसीय आयोजन में साहित्य, कविता, लोककला और संवाद के विविध रंग देखने को मिले। विवेक सत्य मित्रम व पूजा प्रियवंदा की अगुआई में भारत डायलॉग्स का यह ऐतिहासिक आयोजन पूर्वांचल में साहित्य व कला का अब तक का सबसे बड़ा अयोजन बन गया। फेस्टिवल के उद्घाटन सत्र में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेंद्र राय, राज्यसभा सांसद संगीता बलवंत, वागले की दुनिया फेम अंजन श्रीवास्तव और दक्षिण अफ्रीका के राजदूत प्रो. अनिल सुकलाल, दक्षिण अफ्रीका के सांस्कृतिक सलाहकार व प्रसिद्ध कवि जोलानी म्किवा, गयाना हाई कमीशन के डिप्लोमैट केशव तिवारी, पोलैण्ड की हिंदी प्रोफेसर कामिला यूनीक, नीदरलैंड के राज मोहन और रेमोन भगवानदीन और दक्षिण अफ्रीका से आईं निलिस्त्रा सुकलाल जैसे प्रतिष्ठित अतिथि मौजूद रहे।
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