Nalanda : नालंदा के दीपनगर थाना क्षेत्र के डुमरावां गांव में हुए दोहरे हत्याकांड अब राजनीतिक रूप ले लिया है। मंगलवार को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस और पूर्व सांसद प्रिंस राज पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। यहां उन्होंने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि, ये 'दलित और पासवान विरोधी' सरकार है और राज्य में बढ़ते अपराध को लेकर उनके इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखने की भी बात कही है। पीड़ित परिवार से मिलने के बाद पशुपति पारस ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि, यह कितनी शर्मनाक बात है कि मुख्यमंत्री के अपने गृह जिले में अखंड कृतन के माहौल के बीच आकर असामाजिक तत्व द्वारा दो मासूम बच्चे (युवती और किशोर) की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मुझे यह कहने में कोई आपत्ति नहीं है कि नीतीश कुमार दलित विरोधी मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने पटना, औरंगाबाद और मुजफ्फरपुर में हुई हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि, विगत 6 महीनों में पासवान समाज के लोगों पर दर्जनों हमले हुए हैं। उन्होंने एक बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, मुझे जानकारी मिली है कि मुख्य अभियुक्त फरार है और उसे इसी जिले के एक मंत्री का संरक्षण प्राप्त है।
इस सरकार की साजिश के तहत घटना कराई गई है।" उन्होंने मांग किया है कि, पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिले और परिवार के किसी एक सदस्य को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाए। उन्होंने कहा कि, "अगर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की तो हमारी पार्टी और दलित सेना धरना देगी।" इसके साथ ही चिराग पासवान के बारे में कहा कि, वह दलित के नेता नहीं हैं वह बड़े नेता हैं उनका चेहरा-मोहरा, हाव भाव सब अलग है।
इसके साथ ही, पूर्व सांसद प्रिंस राज ने विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर पार्टी की रणनीति पर चुप्पी साधते हुए कहा कि, स्थानीय ग्रामीणों की बातों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि स्थानीय मंत्री गांव में आकर 'बेलछी नरसंहार जैसा कांड' करा देने की धमकी दे रहे हैं और रात में जानबूझकर बिजली कटवा दी जाती है। ताकि, किसी और आपराधिक घटना को अंजाम दिया जा सके। उन्होंने कहा कि, "जब पटना में बड़े व्यवसायी सुरक्षित नहीं हैं तो छोटे से गांव में दलित परिवार कैसे सुरक्षित रहेगा? यह सरकार पूरी तरह से दलित विरोधी है।" गौरतलब है कि, 6 जुलाई को डुमरावां गांव में बच्चों के मामूली विवाद को लेकर हुए संघर्ष में 19 वर्षीया अन्नु कुमारी और 16 वर्षीय हिमांशु कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को हिरासत में लिया है। लेकिन, मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी अभी बाकी है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है।
नालंदा से मो. महमूद आलम की रिपोर्ट