जद (यू0) प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि जातीय जनगणना और आरक्षण पर तेजस्वी यादव का बोलना श्बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवानाश् जैसी बात है। सारे लोग जानते हैं कि जातीय जनगणना सीएम नीतीश कुमार ने करवाया है। नीतीश कुमार ने ही इस मुद्दे को सबसे पहले उठाया, इसके लिए कोर्ट में लड़ाई भी लड़ी और इसे पूरा भी किया।नीतीश कुमार का पूरा इतिहास आरक्षण और विकासात्मक कदमों के जरिए पिछड़ों, दलितों और हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान का रहा है। इसके लिए किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं। लेकिन तेजस्वी को इस सवाल का जवाब जरूर जरूर देना चाहिए कि जब लालू राबड़ी की सरकार थी तो पिछड़ों दलितों को आरक्षण क्यों नहीं दिया,? हकीकत यही है कि लालू जी ने अति पिछड़ों को आरक्षण इसलिए नहीं दिया कि कहीं कोई अतिपिछड़ा नेता ताकतवर होकर न उभर जाए और तेजस्वी यादव की ताजपोशी के सपने में बाधक न बन जाए। तेजस्वी यादव को यह समझना चाहिए कि जो उपलब्धि नीतीश कुमार के खाते में दर्ज हो चुकी है उसका अकारण श्रेय लेने की कोशिश उन्हें बार बार उपहास का पात्र बना रहा है। नेता प्रतिपक्ष के रूप में ऐसी बचकानी कवायद से बाज आना चाहिए।