पटना: जनता दल यूनाईटेड के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि कुछ लोग यह दुष्प्रचार कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से महिलाओं को महिला रोजगार के तहत दिए गए 10 हजार रुपए लोन है। भविष्य में इसे लौटाना पड़ेगा। लेकिन मैं साफ कर देना चाहता हूं कि यह महागठबंधन के लोगों के द्वारा फैलाया जा रहा अफवाह है। मुख्यमंत्री ने यह राशि महिला रोजगार के तौर पर महिलाओं को निःशुल्क दिया है। यानी इसमें से एक पैसा भी वापस नहीं करना होगा। महिलाओं के रोजगार बढ़ने के साथ उन्हें फिर से दो लाख रुपए आर्थिक मदद दी जाएगी।
JDU नेता गुरुवार की सुबह बेगूसराय के खोदावंदपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार में दो करोड़ 72 लाख परिवार है। इसमें से प्रत्येक घर की एक महिला को रोजगार के लिए 10 हजार रुपए फ्री में दिया जाना है। अभी तक एक करोड़ 41 लाख महिलाओं के खातों में यह पैसा डाला जा चुका है। बाकी की महिलाओं के खातों में भी जल्द ही यह पैसा भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम लोग लगातार बोल रहे हैं कि नीतीश कुमार 20 साल से मुख्यमंत्री रहते हुए देश-दुनिया में बिहार की प्रतिष्ठा को चार चांद लगाया है। उनके दिन रात की मेहनत के बदौलत बाहर बिहारियों का मान सम्मान बढ़ा है। हम यह भी स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि नीतिश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं और भविष्य में वही मुख्यमंत्री रहेंगे।
इससे पहले बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा। बिहार के दरभंगा में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी अपने बेटों को बिहार का मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन दोनों ही पद खाली नहीं हैं। भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कई युवाओं को टिकट दिया है, लेकिन राजद और कांग्रेस ने नहीं। लालू जी अपने बेटे तेजस्वी (यादव) को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया जी अपने बेटे राहुल (गांधी) को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि दोनों ही पद खाली नहीं हैं।
महागठबंधन को 'ठगबंधन' बताते हुए अमित शाह ने दावा किया कि लालू यादव चारा, कोलतार और नौकरी के लिए जमीन घोटाले में शामिल थे, जबकि कांग्रेस 12 लाख करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल थी। केंद्रीय गृह मंत्री ने सवाल किया कि अगर महागठबंधन राज्य में सत्ता में आता है तो क्या कांग्रेस-राजद गठबंधन प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों को सलाखों के पीछे डालना जारी रखेगा। उन्होंने पूछा, पीएफआई के कार्यकर्ता पटना के फुलवारीशरीफ़ में सक्रिय थे। देश भर में तलाशी ली गई और संगठन के सदस्यों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया। क्या आपको लगता है कि अगर बिहार में राजद-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आता है, तो पीएफआई के सदस्य जेल में ही रहेंगे? उन्होंने आगे कहा कि एनडीए सरकार ने ही इस कट्टरपंथी संगठन पर प्रतिबंध लगाया था।
इधर, बेगूसराय ज़िले के एक अन्य रैली में, शाह ने राहुल गांधी की मतदाता अधिकार यात्रा पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि वह कुछ महीने पहले घुसपैठियों को बचाओ यात्रा शुरू करने के लिए बिहार आए थे। उन्होंने आरोप लगाया, राहुल गांधी और लालू यादव यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में रहे। तेजस्वी और राहुल बिहार में 'जंगल राज' वापस लाना चाहते हैं। समस्तीपुर में एक अन्य रैली में शाह ने कहा, बिहार चुनाव राज्य में 'जंगल राज' की वापसी को रोकने का चुनाव है।
राज्य में एनडीए 'पांच पांडव' जैसा है। पांच दलों का एक मज़बूत गठबंधन। इंडिया ब्लॉक को करारी शिकस्त दी जाएगी और हम इस बार ऐतिहासिक जीत दर्ज करके सरकार बनाएंगे। शाह ने आरोप लगाया कि इंडिया ब्लॉक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की 'जननायक' की उपाधि छीनना चाहता है। उन्होंने आरोप लगाया, मोदी जी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया था। अब, वे (विपक्ष) कर्पूरी जी से यह उपाधि छीनना चाहते हैं। हम ऐसा नहीं होने देंगे। लोगों ने कांग्रेस का असली चेहरा देख लिया है जिसने बाबू जगजीवन राम को प्रधानमंत्री बनने से रोका था। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि महागठबंधन बिहार के कल्याण के बारे में नहीं सोच सकता और लालू यादव ने राज्य के विकास के लिए कुछ नहीं किया।